Uttarakhand: धामी सरकार ने सख्त किया धर्मांतरण कानून, जबरन धर्म बदलने और 'लव जिहाद' पर 10 साल तक सजा
Uttarakhand News: उत्तराखंड में पुष्कर धामी सरकार ने धर्मांतरण कानून को सख्त कर दिया है। अब इसे संज्ञेय अपराध में शामिल किया गया है। जिसके तहत सख्त सजा दी जाएगी।
Uttarakhand News: उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) सरकार ने राज्य में धर्मांतरण पर नियंत्रण के लिए कानून को सख्त कर दिया है। बुधवार (16 नवम्बर) को हुई कैबिनेट बैठक में 'जबरन धर्मांतरण' (Forced Conversion) पर लगाम लगाने के लिए बड़ा फैसला लिया गया है। धामी सरकार की कैबिनेट की बैठक में धर्मांतरण कानून में संशोधन किए गए हैं। इन संशोधनों के तहत अब 'जबरन धर्म परिवर्तन' संज्ञेय अपराध माना जाएगा। जिसके लिए सजा का प्रावधान किया गया है।
उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने धर्मांतरण कानून को पहले की तुलना में बेहद सख्त कर दिया है। नए कानून में 'जबरन धर्मांतरण' कराने पर 10 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। उम्मीद की जा रही है कि, इस सख्त कानून आने के बाद इस पहाड़ी राज्य में धर्मांतरण और 'लव जिहाद' जैसे मामलों पर लगाम लग पाएगी। हाल के वर्षों में उत्तराखंड में धर्मांतरण और लव जिहाद के मामले बढ़ गए थे।
जबरन धर्मांतरण पर 10 साल तक सजा
उत्तराखंड की धामी सरकार की आज कैबिनेट बैठक थी। मीटिंग में 29 प्रस्ताव लाए गए। इन्हीं प्रस्तावों में धर्मांतरण कानून में संशोधन से जुड़ा प्रस्ताव भी था। आज संशोधन के बाद उत्तराखंड में धर्मांतरण कानून को यूपी से भी ज्यादा सख्त कर दिया गया। राज्य में अब जबरन धर्मांतरण को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखा गया है, जिसके तहत अधिकतम 10 साल तक की सजा का प्रावधान होगा। धामी कैबिनेट ने इस पर मुहर भी लगा दी है। जल्द ही इस विधेयक को विधानसभा में पेश किया जाएगा।
नैनीताल हाईकोर्ट कोर्ट हल्द्वानी में शिफ्ट
इस अतिरिक्त, कैबिनेट ने इस बात पर भी मुहर लगाई है कि नैनीताल हाईकोर्ट कोर्ट (Nainital High Court Court) हल्द्वानी में शिफ्ट किया जाएगा। इस बात की मांग लंबे समय से की जा रही थी। इसके अलावा कई अहम मुद्दों पर धामी कैबिनेट ने मुहर लगाई है।