भारत के इस पड़ोसी मुल्क में कोरोना ने मचाया हाहाकार, मरीजों का हुआ बुरा हाल

नेपाल में कोरोना की रोकथाम के लिए केपी शर्मा ओली की सरकार कई तरह के महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। लेकिन अभी तक इसका कोई खास फायदा होता नजर नहीं आ रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी तक नेपाल में 1 लाख 32 हजार 246 लोग कोरोना से संक्रमित पाए गये हैं, जबकि 739 लोगों की जान जा चुकी है।

Update: 2020-10-19 14:19 GMT
स्वास्थ्य कर्मचारी मरीजों पर उचित ध्यान नहीं दे पा रहे हैं, क्योंकि उन्हें एक साथ बड़ी संख्या में मरीजों को देखना पड़ रहा है। थापा ने ये भी बताया कि हमने कई मरीजों को दूसरे स्वास्थ्य केंद्रों में जानेके लिए बोला, लेकिन वे नहीं जानते हैं कि उन्हें कहां जाना है।

काठमांडू: कोरोना वायरस का प्रकोप भारत के पड़ोसी देश नेपाल में भी देखने को मिल रहा है। यहां कोरोना के रोज नये केस बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं।

वहीं इससे मरने वाले लोगों का आंकड़ा भी तेजी के साथ बढ़ता ही जा रहा है। नेपाल में अब हालात इस कदर बुरे हो गये हैं कि वहां पर अस्पतालों में कोरोना के मरीजों को समय पर बेड भी नसीब नहीं हो पा रहा है।

कोरोना संक्रमित कम से कम तीन ऐसे मरीज जिन्हें सांस लेने में काफी तकलीफ हो रही थी, काठमांडू के धपासी में ग्रांडे इंटरनेशनल हॉस्पिटल में 12 घंटे से बेड के लिए इंतजार करते रहे।

कोरोना वायरस की जांच करते डॉक्टर(फोटो:सोशल मीडिया)

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इमरजेंसी के बाहर बेड के लिए लंबी कतारे

जब इस बारें में यही के अस्पताल के इमरजेंसी विभाग के हेड डॉ.अजय थापा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि शनिवार से ही एक दर्जन से अधिक गंभीर रूप से बीमार मरीज हॉस्पिटल के इमरजेंसी में इंतजार कर रहे थे।

हमने कुछ को हॉस्पिटल में एडजस्ट किया, कुछ को दूसरे अस्पतालों में भेजा लेकिन तीन मरीजों के लिए कोई प्रबंध नहीं हो सका। थापा नेपालीज सोसायटी ऑफ इमर्जेंसी फिजिशियन के चेयरमैन भी हैं।

नेपाल में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टरों का कहना है कि अगर मरीजों को चार घंटे के भीतर वार्डों में नहीं भेजा गया तो मौत का आंकड़ा तेजी के साथ बढ़ेगा। स्वास्थ्य कर्मचारी मरीजों पर उचित ध्यान नहीं दे पा रहे हैं, क्योंकि उन्हें एक साथ बड़ी संख्या में मरीजों को देखना पड़ रहा है।

थापा ने ये भी बताया कि हमने कई मरीजों को दूसरे स्वास्थ्य केंद्रों में जानेके लिए बोला, लेकिन वे नहीं जानते हैं कि उन्हें कहां जाना है।

कोरोना वायरस की जांच करते डॉक्टर की फोटो(सोशल मीडिया)

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काठमांडू के अस्पतालों में व्यवस्था चरमराई

उन्होंने कहा कि वे सभी मरीजों को इमर्जेंसी में वार्ड के लिए इंतजार कर रहे हैं, वे गंभीर मरीज हैं। वे निमोनिया और दूसरी बीमारियों से ग्रस्त हैं। थापा ने कहा कि डॉक्टर एक बेड पर तीन से चार मरीजों को रखने के लिए मजबूर हो जाएंगे।

कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ने की वजह से, खासकर काठमांडू घाटी में, कोविड-19 इलाज के लिए सुविधाएं कम पड़ रही हैं। परिणामस्वरूप गंभीर रूप से बीमार मरीज जो अस्पताल में भर्ती होने के लिए इंतजार करने के लिए मजबूर हैं, उन्हें घर पर रहने के लिए मजबूर किया जाता है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी तक नेपाल में 1 लाख 32 हजार 246 लोग कोरोना से संक्रमित पाए गये हैं, जबकि 739 लोगों की जान जा चुकी है। बीते 24 घंटे में 2,942 लोग इसे वायरस की चपेट में आ गये हैं, जिनमें से 1,698 लोग काठमांडू घाटी में संक्रमित मिले हैं।

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