तालिबानियों के हाथ लगा लाखों अफगानियों का डेटा, अमेरिका ने किया था इकट्ठा
तालिबान की स्पेशल यूनिट Al Isha ने लाखों अफगानियों का डाटा अपने कब्जे में ले लिया है, जिसे अमेरिका ने इकठ्ठा किया था
अफ़गानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से ही लोग अफगान छोड़ रहे हैं। अमेरिका 20 साल बाद अफगानिस्तान को छोड़ने की तैयारी में है। उसके कई नागरिक और सैनिकों की वतन मैं वापसी भी हो चुकी है। अब खबर यही भी आ रही है की तालिबान के हाथ लाखों अफगानों का डेटा लग गया है। बताया जा रहा है कि यह डेटा कभी अमेरिका द्वारा इकट्ठा किया गया था।
तालिबानियों के हाथ लगा बायोमेट्रिक स्कैनर
जानकारी के मुताबिक, तालिबान की स्पेशल यूनिट AI Isha हर उस देता को इकठ्ठा कर रही है, जिसके इस्तेमाल अमेरिका करता था। मामले में ब्रिगेड कमांडर नवाजुद्दीन हक्कानी ने बताया की Al Isha द्वारा बायोमेट्रिक स्कैनर का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो पहले अमेरिकी सेना इस्तेमाल करती थी। इसके जरिए हम या जानने का प्रयास कर रहे हैं की कौन-कौन अमेरिकी सेना और NATO के साथ काम कर चुका है। हक्कानी ने इशारा करते हुए कहा है कि अब हमारा काबुल पर कब्जा हो चुका है, ऐसे में हमारा सारा फोकस काउंटर इंटेलिजेंस पर है। Al Isha संगठन ये काम करना शुरू कर चुकी है। अभी डेटा को स्कैन किया जा रहा है।
क्या है हाइड , जो कभी अमेरिका यूज करता था?
हाइड का मतलब है 'हैंडहेल्ड इंटरएजेंसी आईडेंटिटी डिटेक्शन इक्विपमेंट'. इसके जरिए अमेरिका ने 15 लाख अफगानों का डेटा इकट्ठा किया था। बताया जाता है कि अमरीका इसमें आंखों की पुतली से लेकर चेहरे तक को स्कैन करता था। हाइड के जरिए अमेरिका ने हर उस अफगानी की पहचान कर ली थी, जो उनकी ना सिर्फ मदद करता था बल्कि तालिबानियों के भी छिपे ठिकाने बताता था।
हाइड का अपने मिशन में यूज कर रहें तालिबान
अब का जा रहा है कि यही हाइड तालिबानियों के हाथ लग गया है। अब वह इसका इस्तेमाल अपने मिशन को धार में करने वाला है। पिछले कुछ समय में Al Isha काफी बड़ा बन चुका है। यहां पर एक हजार से ज्यादा लोग काम कर रहे हैं। इन्हीं की मदद से डेटा को इकट्ठा और एनालाइज किया जा रहा है।