Afganistan ya Talibanistan: हकीकत बेहद दर्दनाक और तकलीफदेह
Afghanistan or Taliban: पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान पर तालिबानी कब्जे पर जश्न मना रहा है...
Afganistan ya Talibanistan: काबुल, अफ़गानिस्तान और तालिबान ये तीन शब्द आज केवल काबुल या कुछ देशों की ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की जुबान पर हैं। हर जगह केवल यही मुद्दा गरमाया हुआ है। प्रत्येक देश और उसके नागरिकों की नजरें पिछले लगभग एक माह से अफगानिस्तान में हो रहे तालिबानों के जुल्मों पर हैं। एक देश का दूसरे देश पर कब्जा वैसे तो सदियों से होता रहा है, लेकिन आज की पीढ़ी ने यह सब केवल फिल्मों में ही देखा होगा इसलिए उनके लिए इस हकीकत का सामना करना बेहद दर्दनाक और तकलीफ देह है। एक देश जो वहां की सत्ता के माध्यम से सुरक्षित था। उस सत्ता के नियम और कानूनों का पालन करते हुए लोग वहां बेखौफ रह रहे थे, लेकिन जब वही सत्ता तालिबानों के हाथ में चली गई तो उस देश की जनता पर क्या गुजरी इसका लाइव सारी दुनिया ने देखा। उस देश के लोग जान बचाने के लिए वहां से कैसे भागे इसका जीता-जागता नमूना वहाँ के लाइव वीडियो के माध्यम से सारी दुनिया ने देखा। कोई अकेला निकल पाया, तो कोई अपने परिवार को बचा लाया, जो वहां से भाग निकले उनकी किस्मत अच्छी थी, लेकिन जो वहां रह गये अब तालिबानों के जुल्म सहने को मजबूर हैं। अफ़गानिस्तान की सत्ता अब तालिबानों के उन नेताओं के हाथों में आ गई है जिनमें से अधिकांश अमेरिका की मोस्टवांटेड लिस्ट में हैं, जिन पर करोड़ों डालरों के ईनाम घोषित हैं। आप सोच रहे होंगे कि मैं मोस्टवांटेड की लिस्ट में आए तालिबानों को नेता कैसे कह सकता हूं, तो दोस्तों चूंकि अब वे एक सत्ता को हथिया कर बैठे हैं इसलिए सत्ता पर बैठे लोगों को अब किस नाम से सम्बोधित करूं ,असमंजस में हूं।
भारत की आज की ताकत से अनभिज्ञ है
तालिबान सरकार को उसके गठन से पहले ही पाकिस्तान और चीन मान्यता दे चुके हैं। इन दोनों देशों के अपने-अपने एजेंडे हैं। पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान पर तालिबानी कब्जे पर जश्न मना रहा है। वह एक गलतफ़हमी में जी रहा है कि अब अफ़गानिस्तान की सत्ता को कब्जाने वाले तालिबान उसके इशारों पर नाचेंगे। अब वह भारत की सीमाओं पर अपने हमले और तेज करेगा। अपने 100 हथकंडे आजमाकर भी जब वह कश्मीर में कामयाब नहीं हो पाया तो अब तालिबानों के जरिये अपनी मंशा को अंजाम देने की कोशिश करेगा। शायद वह भारत की आज की ताकत से अनभिज्ञ है। जब चीन जैसा विशाल देश भारत की सीमा से अपने सैनिक वापस बुलाने को विवश हो सकता है तो भारत के सामने पाकिस्तान की औकात ही क्या है। जहाँ तक चीन का सवाल है तो दुनिया जानती है कि चीन की नीति और नीयत दोनों विस्तारवादी हैं। आज पाकिस्तान की गर्दन पूरी तरह उसकी जकड़ में है। इतना पैसा चीन ने पाकिस्तान को बतौर कर्ज के रूप में दे दिया है कि अब पाकिस्तान चाहकर भी उसके चंगुल नहीं निकल सकता, अब वह चीन की कठपुतली मात्र है । अब वह वही करेगा जो उसका आका चीन कहेगा।
अफ़गानिस्तान में अब तालिबानों की हुकूमत शुरू हो चुकी है
आज चीन की नजरें अफ़गानिस्तान की ज़मीन में दबे उन कीमती खनिजों की तरफ है जो उसे अनाप-सनाप धन प्राप्त करा सकते हैं । अफ़गानिस्तान में अब तालिबानों की हुकूमत शुरू हो चुकी है। पत्रकारों की कोड़ों से पिटाई की जा रही है। आधी आबादी के विरोधी स्वर को बंदूक़ों के डर से दबाने की कोशिश की जा रही है। औरतों को सरेआम कोड़े मारे जाने की खबरें टी.वी. चैनलों पर आये दिन दिखाई जा रही हैं। पढ़ाई-लिखाई को गैर जरूरी मानने वाला तालिबान, औरतों के अधिकारों को क्या खाक समझेंगे। महिलाओं का उनके आगे प्रदर्शन करना भूसे में सूई ढूंढने के समान है। क्योंकि देश उनका, सत्ता उनकी और उनके अपने कानून हैं। लेकिन फिर भी मैं उन महिलाओं को दिल से सलाम करता हूं जो इस माहौल में भी तालिबानों के सामने अपने हक के लिए आवाज उठाने को घर से बाहर निकलीं। काश की यही जज्बा पूरे देश ने मिलकर दिखाया होता तो तस्वीर कुछ और ही होती।दुनिया के सारे देश तालिबानों को लेकर चुप हैं। अफ़गानिस्तानियों पर क्या बीत रही है यह या तो वे खुद या उनका खुदा जानता है ।