अफगान सेना प्रमुख के भारत दौरे की खबर सुन क्या होगा Taliban का रिएक्शन? जानिए
अफगानिस्तान (Afghanistan) के सेना प्रमुख वली मोहम्मद अहमदजई (Wali Mohammad Ahmadzai) चार दिवसीय दौरे पर 27 जुलाई को भारत आ रहे हैं।
अफगानिस्तान (Afghanistan) और तालिबान (Taliban) में चल रही जंग के बीच अफगान सेना प्रमुख वली मोहम्मद अहमदजई (Wali Mohammad Ahmadzai) चार दिवसीय दौरे पर 27 जुलाई को भारत आ रहे हैं। इस दौरे के दौरान अफगानिस्तान के सेना प्रमुख भारतीय समकक्ष जनरल एम एम नरवणे के साथ एनएसए अजीत डोभाल से भी मुलाकात करेंगे। इस यात्रा के दौरान वह अफगानिस्तान के हालात पर विस्तृत चर्चा करेंगे।
अफगानिस्तान के सेना प्रमुख वली मोहम्मद अहमदजई 27 जुलाई को भारत पहुंचेंगे। राजधानी दिल्ली के साउथ ब्लॉक लॉन में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा। इसके अलावा वे इंडिया गेट स्थित नेशनल वॉर मेमोरियल पर वीरगति को प्राप्त सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। सुरक्षा कारणों से अफगान सेना प्रमुख की यात्रा को बेहद गोपनीय रखा गया है।
मोहम्मद अहमदजई की भारत यात्रा अफगानिस्तान में तालिबान और अफगान बलों के बीच जारी संघर्ष की पृष्ठभूमि में हो रही है। नई दिल्ली में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद ममुंडजे ने कहा था कि अगर तालिबान से बातचीत असफल रहती है, तो उसके खिलाफ जंग में भारत से सैन्य मदद ली जा सकती है। इस पर तालिबान ने हिदायत देते हुए कहा था कि भारत को तटस्थ रहना चाहिए और उसे अफगानिस्तान सरकार को किसी तरह की सैन्य मदद नहीं मुहैया करानी चाहिए।
अफगान सेना प्रमुख की भारत यात्रा को तालिबान के लिए एक संकेत माना जा रहा है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ताशकंद में पहले ही कह चुके हैं कि दुनिया को काबुल में उन शक्तियों को स्वीकार नहीं करना चाहिए जो बल प्रयोग के जरिये सत्ता पर काबिज होना चाहती हैं। अफगानिस्तान का भविष्य उसका अतीत नहीं हो सकता है। दुनिया हिंसा और बल प्रयोग के खिलाफ है और इस तरह के कदम को वैधता नहीं दी जानी चाहिए। साफ है कि भारत सरकार अफगानिस्तान सरकार के साथ शांतिपूर्ण विकास के कार्यों को तरजीह देना चाहती है।