पंजशीर के लड़ाकों ने संभाला मोर्चा, घाटी में तालिबान को रोकने पर आमादा

Afghanistan: पंजशीर के लड़ाकों ने घाटी में मोर्चा तैयार करना शुरू कर दिया है। पंजशीर घाटी के छात्रों ने भी हाथ में एके - 47 थाम ली है।

Written By :  Akhilesh Tiwari
Published By :  Deepak Kumar
Update:2021-08-23 16:26 IST

पंजशीर के लड़ाके।

नई दिल्ली। तालिबानियों की मंशा को देखते हुए पंजशीर के लड़ाकों ने घाटी में मोर्चा तैयार करना शुरू कर दिया है। पंजशीर घाटी के छात्रों ने भी हाथ में एके - 47 थाम ली है। तालिबानी कमांडर अपने सैनिकों के साथ पंजशीर घाटी को घेरने में जुट गए हैं। मजार-ए-शरीफ शहर में होर्डिंग से नार्थ फ्रंटियर के नेताओं के फोटो हटाकर तालिबानी कमांडरों के फोटो लगा दिए गए हैं।


अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की पूरी तरह से वापसी कराने में जुटे तालिबान ने विरोधी ताकतों पर भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। अमेरिका को तालिबान ने 31 अगस्त से पहले अफगानिस्तान से पूरी तरह निकल जाने का फरमान सुना दिया है। तालिबान ने अमेरिकी सेना को लेकर जो कड़ा तेवर दिखाया है वह यह बताने के लिए काफी है कि तालिबान अब पूरे अफगानिस्तान पर जल्द से जल्द काबिज होना चाहता है। दुनिया के दूसरे देशों को भी वह जल्द यह अहसास करा देना चाहता है कि अफगानिस्तान में अब वही अकेला सत्ता केंद्र है।


तालिबान ने अमेरिका को देश छोडक़र जाने का अल्टीमेटम देने के साथ ही विरोधी गुटों पर भी कब्जा करने की मुहिम तेज कर दी है। अफगानिस्तान से आ रही खबरों के अनुसार 23 अगस्त को तालिबान ने पंजशीर घाटी के पास स्थित बड़े शहर मजार-ए- शरीफ पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया है। शहर की सडड से नार्थ फ्रंटियर नेताओं के होर्डिंग हटाए जा रहे हैं। उनकी जगह पर तालिबानी कमांडरों के फोटो लगा दिए गए हैं।


पंजशीर के लड़ाकों ने संभाला मोर्चा, छात्रों ने भी थामी बंदूक

तालिबानी सेना से लडऩे के लिए पंजशीर घाटी में जगह-जगह मोर्चे तैयार हो गए हैं। नार्थ फ्रं टियर के पूर्व कमांडर अहमद शाह मसूद के साथी रहे सलेह मोहम्मद रेगिस्तानी, मोहम्मद खाकसार और गुल हैदर खान ने अपने लड़ाकों के साथ घाटी की ओर जाने वाले रास्तों पर नाकेबंदी कर दी है। कई ऐसे फोटो भी सोशल मीडिया पर देखे गए हैं जिसमें पंजशीर के कमांडर व लड़ाके अपने हाथों में बंदूकें थामें सडक़ पर खड़े हैं। एक वीडियो में सलेह मोहम्मद रेगिस्तानी को नार्थ फ्रंटियर के लडक़ों के साथ पहाडिय़ों के ऊपर से मोर्चाबंदी का जायजा लेते हुए देखा जा रहा है।


बताया जा रहा है कि रेगिस्तानी ने सोवियत सेनाओं के खिलाफ जंग लड़ी है। वह अहमद शाह मसूद के खास दोस्तों में शामिल रहे हैं। उन्हें अहमद शाह मसूद ने अपनी सेना में कमांडर का ओहदा दिया था। अहमद शाह मसूद के साथ मिलकर उन्होंने तालिबानियों के खिलाफ भी जंग लड़ी है। तालिबान से लडऩे के लिए पंजशीर घाटी के जवान लडक़ों ने अपनी पढ़ाई छोडक़र हाथ में बंदूक उठा ली है। एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर आया है जिसमें पंजशीर घाटी के नौजवान लडक़ों को सेना की यूनिफार्म में परेड करते हुए देखा जा रहा है। 

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