Afghanistan: भारत समेत दुनियाभर के देशों ने बोला, अफगानिस्तान में सैन्य बल से अगर सरकार बनी तो मान्यता नहीं
Afghanistan: जिस तरह से तालिबान अफगानिस्तान के प्रांतों पर कब्ज़ा करके देश की बागडोर सँभालने के ख़्वाब देख रहा है,भारत समेत सारी दुनिया इसका विरोध कर रही है।
Afghanistan: जिस तरीके से तालिबान लगातार अफगानिस्तान के प्रांतों पर अपना कब्जा जमाता जा रहा है धीरे-धीरे अफगानिस्तान सरकार भी तालिबान के सामने घुटने टेकने को मजबूर हो रही है। तालिबान लगातार हिंसा के दम पर अफगानिस्तान के कई प्रांतों पर अपना कब्जा जमा चुका है। वही अब तालिबान ने कंधार और हेरात पर भी अपना कब्जा कर लिया है। अफगानिस्तान के सुरक्षा हालात और वहां पर शांति की स्थिति कैसे कायम की जाए इस विषय पर कतर की राजधानी दोहा में एक बड़ी बैठक का आयोजन किया गया जिसमें भारत भी शामिल हुआ। भारत की तरफ से बैठक में संयुक्त सचिव जेपी सिंह और कतर में भारतीय राजदूत दीपक मित्तल भी शामिल हुए।
तालिबान को कड़ा सन्देश
बैठक में शामिल दुनियाभर के देशों ने तालिबान को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि अगर अफगानिस्तान में हिंसा और सैन्य बल का प्रयोग कर सरकार बनाई जाती है तो उसे कोई भी देश मान्यता नहीं देगा। दोहा में हुई इस बैठक में भारत, चीन, उज़्बेकिस्तान, अमेरिका, पाकिस्तान, ब्रिटेन, संयुक्त राष्ट्र, जर्मनी, नार्वे, कतर, ताजिकिस्तान, तुर्की, तुर्कमेनिस्तान के प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक में शामिल सभी देशों ने सर्वसम्मति से कहा कि दोनों ही पक्षों की ओर से ठोस प्रस्तावों पर बातचीत कर शांति प्रक्रिया में तेजी लाने की आवश्यकता है। साथ ही दोनों पक्षों को युद्ध विराम तक पहुंचाने के प्रयास में भी तेजी लाने और राजनीतिक समाधान निकालने की भी बात कही गई। बैठक में शामिल सभी देशों ने अफगानिस्तान में हो रही हिंसा नागरिकों की मौत और मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों पर चिंता जताई है साथ ही अफगानिस्तान के प्रांतों में और शहरों पर लगातार हो रहे तालिबानी हमले को रोकने की बात भी कही है।
तीन भारतीय इंजीनियरों की रेस्क्यू कर बचाई जान
अफगानिस्तान में रहने वाले भारतीय नागरिकों के लिए नई एडवाइजरी जारी की गई है विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे हैं भारतीय कंपनियों के अपने कर्मचारियों को वापस भारत बुलाने के लिए कहा गया है एडवाइजरी में भारतीय दूतावास ने कहा है कि हाल ही में तीन भारतीय इंजीनियरों को एअरलिफ्ट कर रेस्क्यू किया गया है। जो एक बांध परियोजना में काम कर रहे थे क्योंकि वह इलाका अब तालिबान के कब्जे में आ गया है। वहीं अफगानिस्तान में रहने वाले सभी भारतीयों से यह अनुरोध किया गया है कि वह दूतावास द्वारा जारी की गई एडवाइजरी का सख्ती से पालन करें। क्योंकि वॉर ज़ोन होने की वजह से कभी भी हवाई सफर बंद किया जा सकता है इसलिए जो भारतीय अफगानिस्तान में रह रहे हैं वह जल्द से जल्द भारत वापस लौट आए।