Afghanistan: तालिबान ने गजनी शहर पर जमाया कब्ज़ा, काबुल पहुंचे तो होगा तालिबानी राज
Afghanistan: तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान के कई शहरों पर अपना कब्ज़ा जमा लिया है अब तालिबानी काबुल की ओर कूच करने की रणनीति तैयार कर रहे है अगर काबुल पर तालिबानियों ने कब्ज़ा कर लिया तो अफ़ग़ानिस्तान में तालिबानी राज़ हो जायेगा।
Afghanistan: लगातार अफगानिस्तान के आंतरिक हालात खराब होते चले जा रहे हैं. तालिबान ने अफगानिस्तान के कई शहरों में अपना कब्ज़ा जमा लिया है, वही गुरुवार को अफगानिस्तान के मुख्य शहर गजनी पर भी कब्जा कर लिया. यह शहर अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से महज 150 किलोमीटर दूर है, अगर तालिबान अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर अपना कब्ज़ा जमा लेता है तो अफगानिस्तान पर तालिबानी राज़ होगा। अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के निर्णय के बाद राष्ट्रपति जो बाइडन अपने सर पर बड़ी बदनामी नहीं लेना चाहते हैं. वही उसके समानांतर पाकिस्तान चीन ईरान रूस ने अफगानिस्तान में अपने हितों को सुरक्षित रखने के लिए प्रयास और तेज कर दिए हैं. अफगानिस्तान के 9 से अधिक प्रांतों में तालिबान ने अपना कब्जा जमा लिया है और अब काबुल की तरफ कूच करने की तैयारी में लग गया है. ऐसे में यह एक बड़ा सवाल खड़ा होता है कि क्या महाशक्तियां अपने अपने हितों के लिए एक बार फिर से आपस में टकराने को तैयार हैं? वहीं अगर तालिबान अफ़गानिस्तान की राजधानी काबुल पर अपना कब्जा जमा लेता है तो अफगानिस्तान की सरकार के हाथ से देश निकल जाएगा।
क्यों महत्वपूर्ण है गजनी अफ़ग़ानिस्तान के लिए
जानकारी के अनुसार तालिबान ने अब तक अफगानिस्तान के मुख्य शहर गजनी समेत 10 शहरों पर अपना कब्जा जमा लिया है. जिससे अफगानिस्तान के राजनीतिक हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं, जिसकी वजह से अमेरिका भी चिंतित है उसे चिंता है कि तालिबान कुछ ही दिनों के अंदर काबुल पर अपना कब्जा जमा सकता है जिसके बाद वहां सत्ता गिर जाएगी। गौरतलब है कि गजनी से काबुल की दूरी महज 150 किलोमीटर की है और अब तालिबान काबुल शहर की ओर कूच करने की तैयारी में जुटा हुआ है. पहले ही तालिबान गवर्नर ऑफिस, पुलिस हेडक्वार्टर, और जेल पर अपना कब्जा कर चुका है वहीं गुरुवार को यह जानकारी निकलकर सामने आई कि तालिबान ने अफगानिस्तान के प्रमुख शहर गजनी पर भी अपना नियंत्रण पा लिया है। भौगोलिक और राजनैतिक दृष्टिकोण से गजनी शहर अफगानिस्तान के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है. यह शहर काबुल-कंधार हाईवे पर स्थित है जो अफगानिस्तान और उसकी राजधानी काबुल को जोड़ता है।
अफ़ग़ानिस्तान सरकार की बढ़ी मुश्किलें
अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बिगड़ते हुए हालातों पर अपनी चिंता जाहिर की है। वहीं रूस अमेरिका चीन पाकिस्तान के साथ हुई बैठक के बाद बयान जारी करते हुए कहा है कि अफगानिस्तान सरकार ने अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय के सामने तालिबान द्वारा किए जा रहे अमानवीय और क्रूर हमले के मुद्दे को उठाया है. साथ ही इन हमलों को रोकने के लिए मदद की भी अपील की है. वहीं दूसरी ओर गजनी पर तालिबान का कब्जा होते ही अफगानिस्तान की वायु सेना पर भी दबाव बढ़ गया है, वायु सेना पहले से ही कई परेशानियों का सामना करते हुए तालिबान से लड़ रही है बीते 1 हफ्ते में 10 से अधिक मुख्य शहरों पर कब्जा किए जाने की वजह से वायु सेना की मुश्किलें काफी बढ़ गई है वही यह अनुमान भी लगाया जा रहा है कि 1 हफ्ते के अंदर-अंदर तालिबान काबुल पर अपना कब्जा कर सरकार को गिरा सकता है।