ट्रंप ने नए साल की बधाई के साथ ईरान को दी धमकी, भुगतना होगा विध्वंसक परिणाम

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि इराक में अमेरिकी दूतावास पर हमला किये जाने के बावजूद सुरक्षित है। ट्रंप ने मंगलवार (31 दिसंबर) को ट्वीट कर कहा, “इराक में अमेरिकी दूतावास है, और घंटों से सुरक्षित है।” उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की क्षति के लिये ईरान को जिम्मेदार माना जायेगा।

Update:2020-01-01 12:24 IST
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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि इराक में अमेरिकी दूतावास पर हमला किये जाने के बावजूद सुरक्षित है। ट्रंप ने मंगलवार (31 दिसंबर) को ट्वीट कर कहा, “इराक में अमेरिकी दूतावास है, और घंटों से सुरक्षित है।” उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की क्षति के लिये ईरान को जिम्मेदार माना जायेगा। उन्होंने ईरान को चेतावनी देते हुये कहा कि उसे इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। नया साल मुबारक हो।नए साल के पहले ही दिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को धमकी दी है।

दरअसल, मंगलवार को इराक की राजधानी बगदाद में स्थित अमेरिकी दूतावास के बाहर हजारों ईरानी समर्थित प्रदर्शनकारी अमेरिका के खिलाफ प्रदर्शन किया, इस दौरान दूतावास पर पत्थरबाजी की गई और दीवार पर चढ़ने की कोशिश की गई। इसी के जवाब में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को धमकी देते हुए कहा है कि अगर दूतावास के किसी सदस्य को कुछ हुआ तो ईरान को बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी।



डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट किया कि इराक स्थित अमेरिकी दूतावास की सुरक्षा व्यवस्था बीते कई घंटे पहले बहाल की जा चुकी है। हमारे कई बहादुर सैनिक दुनिया के सबसे खतरनाक युद्धक हथियारों के साथ मौके पर पहुंचे। मैं इस पूरे मामले में इराक के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने तुरंत कार्रवाई की।



अमरीकी राष्ट्रपति के इस आक्रामक ट्वीट के बाद अमरीकी रक्षा सचिव मार्क एस्पर ने मध्य-पूर्वी क्षेत्र में तत्काल 750 सैनिकों को भेजने का एलान किया है। बता दें इराक और सीरिया में ईरानी समर्थित हिज़बुल्लाह विद्रोहियों पर अमेरिका के हवाई हमले के विरोध में सोमवार (30 दिसंबर) को प्रदर्शनकारियों ने अमेरिका के दूतावास को घेर लिया था और बाहरी बाड़ में आग लगा दी थी। व्हाइट हाउस के बयान के अनुसार ट्रंप ने इराक के प्रधानमंत्री अदेल अब्दुल महदी से फोन पर बातचीत की और अमेरिकी दूतावास और कर्मचारियों की रक्षा किये जाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

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