अमेरिका से बड़ी खबर: कोरोना वैक्सीन का इंसानी ट्रायल सफल, शेयरों में भारी उछाल

अमेरिका से एक बड़ी खबर यह आई है कि बोस्टन स्थित बायोटेक कंपनी मॉर्डना को कोरोना वैक्सीन के इंसानों पर चल रहे ट्रायल के बहुत ही सकारात्मक नतीजे मिले हैं। इस खबर के बाद कंपनी के शेयर में 30 फ़ीसदी का उछाल आया और शेयर के दाम 87 डॉलर तक चढ़ गए।

Update:2020-05-19 08:57 IST

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली। कोरोना संकट ने पूरी दुनिया को भारी मुसीबत में डाल रखा है और दुनिया भर के विभिन्न संस्थानों के वैज्ञानिक इस महामारी की वैक्सीन खोजने में जुटे हुए हैं। इस बीच अमेरिका से एक बड़ी खबर यह आई है के बोस्टन स्थित बायोटेक कंपनी मॉर्डना को कोरोना वैक्सीन के इंसानों पर चल रहे ट्रायल के बहुत ही सकारात्मक नतीजे मिले हैं। इस खबर के बाद कंपनी के शेयर में 30 फ़ीसदी का उछाल आया और शेयर के दाम 87 डॉलर तक चढ़ गए।

उम्मीद से ज्यादा बढ़ी इम्यूनिटी

बायोटेक कंपनी मॉर्डना कोरोना वैक्सीन के प्रारंभिक चरण के ट्रायल के बारे में जानकारी देते हुए बताया जिन लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल किया गया उनके शरीर में उम्मीद से ज्यादा इमयूनिटी बढ़ी है और साइड इफेक्ट भी मामूली ही पाए गए हैं। कंपनी का कहना है की एमआरएनए-1273 वैक्सीन देने के बाद शरीर में मामूली दुष्प्रभाव ही दिखे और वैक्सीन का प्रभाव सुरक्षित पाया गया है।

नतीजे उत्साहित करने वाले

कम्पनी का यह भी कहना है कि जिन कैंडिडेट्स को वैक्सीन दी गई उनका इम्यून सिस्टम कोविड-19 से रिकवर हो चुके मरीजों के बराबर या उनसे ज्यादा ताकतवर पाया गया। मॉर्डना के सीईओ स्टीफन बैंलेस ने कहा कि शुरुआती नतीजों ने हमें उत्साह से भर दिया है और इससे बेहतर डाटा की उम्मीद नहीं की जा सकती थी।

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अमेरिकी कंपनी ने सबको पीछे छोड़ा

वैसे तो अमेरिका में कई कंपनियां और शोध संस्थान कोरोना की वैक्सीन खोजने में जुटे हुए हैं, लेकिन मॉर्डना अमेरिका की पहली कंपनी है जिसने इस मामले में सभी को पीछे छोड़ दिया है। कंपनी ने वैक्सीन के लिए जरूरी जेनेटिक कोड पाने से लेकर उसका इंसानों में ट्रायल तक का सफर मात्र 42 दिन में पूरा किया है। एक बात और उल्लेखनीय है कि पहली बार जानवरों से पहले इंसानों में इसका ट्रायल किया गया है।

45 लोगों पर किया गया ट्रायल

सूत्रों का कहना है कि पहले ट्रायल में 18 से 55 वर्ष की उम्र के 45 स्वस्थ प्रतिभागियों को शामिल किया गया था। 16 मार्च को सिएटल की काइजर परमानेंट रिसर्च फैसिलिटी सेंटर में सबसे पहले यह वैक्सीन दो बच्चों की मां 45 वर्षीय जेनिफर नामक महिला को दी गई थी।

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साइड इफेक्ट्स भी काफी मामूली

कंपनी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी टाल जकस का कहना है कि वैक्सीन के ट्रायल से पता चला है कि इसकी बहुत थोड़ी मात्रा देने पर भी इम्यून सिस्टम ने अच्छी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि नतीजों और चूहों के ऊपर की गई स्टडी के बाद मिले डाटा के आधार पर कंपनी कम डोज पर आगे और ट्रायल करने की योजना पर काम कर रही है।

उनका कहना है कि वैक्सीन के ट्रायल के शुरुआती चरण में ऐसे साइड इफेक्ट्स ही मिले हैं जो कई वैक्सीन के लिए आम होते हैं। इसका उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जैसे कुछ लोग इंजेक्शन की जगह पर काफी लालिमा या ठंडेपन का अनुभव करते हैं। जकस का कहना है कि ट्रायल से हमारे इस विश्वास को मजबूती मिली है कि इस वैक्सीन के जरिए कोरोना का इलाज किया जा सकता है।

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कंपनी के शेयरों में आया भारी उछाल

कोरोना की वैक्सीन के सफल ट्रायल की खबर फैलने के बाद मॉर्डना के शेयर में जबर्दस्त उछाल आया है। फरवरी के बाद से कंपनी के शेयर की कीमत 3 गुना से अधिक हो गई है। कंपनी का शेयर शुक्रवार के 66.69 डॉलर के मुकाबले 86.14 डॉलर पर खुला। वैक्सीन के सफल ट्रायल की खबर ने निवेशकों में ऐसा जोश भरा कि शेयर की कीमत में 25 फीसदी से ज्यादा का उछाल आया और एक समय तो इसकी कीमत 87 डॉलर प्रति शेयर तक पहुंच गई।

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