Malaysia PM: अनवर इब्राहिम होंगे मलेशिया के नए प्रधानमंत्री, अब्दुल्ला सुल्तान ने दी मंजूरी

Malaysia New Prime Minister: मलेशिया के राजा अब्दुल्ला सुल्तान अनवर को नए प्रधानमंत्री बनाने की मंजूरी दी है। अनवर मलेशिया के नए प्रधानमंत्री होंगे।

Report :  Jugul Kishor
Update: 2022-11-24 10:38 GMT

Anwar Ibrahim new Prime Minister of Malaysia (Pic: Social Media)

Malaysia New Prime Minister: मलेशिया के राजा सुल्तान अब्दुल्ला अहमद शाह ने अनवर इब्राहिम को आज 24 नवंबर 2022 को देश का नया प्रधानमंत्री चुना है। राजा द्वारा देश के नौ राज्य सम्राटों की एक विशेष बैठक में अन्य शासकों के साथ विचार-विमर्श करने के बाद यह निर्णय लिया गया। अनवर इब्राहिम गुरुवार को शाम 5 बजे (स्थानीय समयानुसार) मलेशिया के 10वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेंगे।

चुनाव में किसी को पूर्ण बहुमत नहीं

आम चुनाव में अनवर के नेतृत्व वाले गठबंधन पाकतन हरपन को सबसे ज्यादा 82 सीटें मिली थीं। लेकिन यह सीटें सरकार बनाने के लिये पर्याप्त नहीं थीं। सरकार गठन के लिये 112 सीटों की जरुरत होती है। चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री मुहीद्दीन के मलय केंद्रित पेरिकटन नेशनल गठबंधन को 73 सीटें मिली थीं। पैन-मलेशियन इस्लामिक पार्टी ने 49 सीटों पर जीत दर्ज की थी। वहीं, यूनाइटेड मलय नेशनल ऑर्गेनाइजेशन (यूएमएनओ) के नेतृत्व वाले गठबंधन के खाते में 30 सीट आई हैं।

हालांकि अनवर के अब प्रधानमंत्री बनने के रास्ता साफ हो गया है। अनवर इब्राहिम को मलेशिया के विभिन्न छोटे दल समर्थन देने के लिये तैयार हो गये हैं। अब माना जा रहा है कि अनवर के प्रधानमंत्री बन जाने से मुहीद्दीन के शासन में मलेशिया में बढ़ते इस्लामिकरण से मुक्ति मिलेगी। शासन प्रणाली व्यवस्था में सुधार आयेगा।

कौन है अनवर इब्राहिम

अनवर इब्राहिम ने 2018 के चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री मुहीद्दीन के मलय केंद्रित पेरिकटन नेशनल गठबंधन से चुनाव जीता था। इस गठबंधन का नेतृत्व भी अनवर इब्राहिम ही कर रहे थे। लेकिन चुनाव के बाद में अनवर इब्राहिम ने यूएमएनओ पार्टी में शामिल हो गये थे। अनवर इब्राहिम 1990 के दशक में मलेशिया के उप प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं। 75 वर्षीय अनवर सोडोमी और भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जा चुके हैं।  

बता दें कि आज से पहले भी मंगलवार को राजा सुल्तान अब्दुल्ला अहमद शाह ने एकता सरकार का प्रस्ताव रखा था, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री मुहीद्दीन ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। इसके बाद में सुल्तान ने तीसरे सबसे बड़े दल यूनाइटेड मलय नेशनल आर्गेनािजेशन (यूएमएनओ) के गठबंधन वाले 30 सांसदों को अपने महल में बुलाया था। यूएमएनओ के राष्ट्रीय मोर्चा ने किसी को समर्थन देने से इनकार कर दिया था। उसने कहा था कि वह विपक्ष में रहेगा।    



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