बम बरसे ताबड़तोड़: पूरा का पूरा शहर हो गया तबाह, जंग में पार की सारी हदें
आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच सितंबर महीने से भयंकर युद्ध जारी है। इस लड़ाई में अजरबैजान की सेना इस जंग में दुनियाभर में प्रतिबंधित कलस्टर बमों का इस्तेमाल कर रही है।
नई दिल्ली: आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच भीषण जंग जारी है। ये लड़ाई दिन-ब-दिन भयंकर रूप लेता जा रहा है। दोनों देशों एक दूसरे पर लगातार मिसाइलों से हमला कर रहे हैं और जमकर एक-दूसरे पर गोलियां बरसा रहे हैं। इन दो देशों की इस लड़ाई में कुछ दूसरे देश भी शामिल हो गए हैं। इस जंग में कई लोगों की जानें भी चली गई हैं। सितंबर से जारी इस जंग में अजरबैजान (Azerbaijan) की क्रूरता सामने आई है।
प्रतिबंधित कलस्टर बमों का इस्तेमाल कर रही अजरबैजान की सेना
जानकारी के मुताबिक, अजरबैजान की सेना इस जंग में दुनियाभर में प्रतिबंधित कलस्टर बमों का इस्तेमाल कर रही है। उसने कई बम रिहाइश वाले इलाके में गिराए हैं। नागोरनो-काराबाख इलाके में मौजूद पश्चिमी पत्रकारों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि अजरबैजान की सेना की तरफ से बेहद खतरनाक क्लस्टर बमों का इस्तेमाल किया जा रहा है। नागोरनो-काराबाख इलाके को लेकर हो रही इस जंग में अब तक कम से कम 266 लोगों की दर्दनाक मौत हो चुकी है। इसमें 45 आम नागरिक भी शामिल हैं।
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इस युद्ध में 220 सैनिक हुए शहीद
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नागोरनो-काराबाख की राजधानी स्टेपनकर्ट में इन खतरनाक बमों से निकले बिना फटे छोटे-छोटे बम बिखरे हुए देखे जा सकते हैं। नागोरनो-काराबाख के अधिकारियों के मुताबिक, इस युद्ध में अब तक उसके 220 सैनिक शहीद हो चुके हैं। वहीं आर्मीनिया सरकार दावा कर रही है कि अजरबैजान द्वारा किए गए हमले में 21 आम नागरिक मारे गए हैं, जबकि 82 अन्य बुरी तरह से घायल हो गए हैं। हालांकि अजरबैजान की तरफ से उनके तरफ मारे जाने वाले सैनिकों का ब्योरा नहीं दिया गया है।
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बड़ी संख्या में मारे जा सकते हैं आम नागरिक
हालांकि अजरबैजान ने बताया है कि अब तक 25 आम नागरिक मारे गए हैं और 127 अन्य घायल हो गए हैं। बता दें कि कई साल तक नुकसान पहुंचाने वाले क्लस्टर बम के इस्तेमाल पर दुनिया के करीब देशों ने बैन लगा दिया है। अब इन्हीं बमों का इस्तेमाल अजरबैजान की सेना द्वारा किया जा रहा है। इस पर विशेषज्ञों का कहना है कि शहरी क्षेत्रों में अजरबैजान के क्लस्टर बम से आने वाले समय में बड़ी संख्या में आम नागरिक मारे जा सकते हैं। बताया जा रहा है कि अजरबैजान को हथियारों की आपूर्ति इजरायल और तुर्की कर रहे हैं।
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