Bangladesh Crisis: बांग्लादेश में श्रीलंका जैसे हालात ले रहे जन्म, खत्म होने की कगार पर देश का विदेशी मुद्रा भंडार

Bangladesh Crisis: बांग्लादेश वर्तमान में आर्थिक संकट (Economic Crisis) से घिरा हुआ है और ऐसे में आगामी 4-5 महीने देश के लिए बेहद अहम साबित होने वाले हैं।

Report :  Rajat Verma
Published By :  Shreya
Update: 2022-05-17 11:10 GMT

प्रधानमंत्री शेख हसीना (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Bangladesh Crisis: वैश्विक रूप से वर्तमान हालात क्यो देशों के लिए बेहद ही खराब चल रहे हैं। ऐसे में बालियां खबर के मुताबिक, अब बांग्लादेश श्रीलंका (Sri Lanka) नक्शेकदम पर चलता दिखाई दे रहा है। दरअसल, कुछ प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बांग्लादेश वर्तमान में आर्थिक संकट (Economic Crisis) से घिरा हुआ है और ऐसे में आगामी 4-5 महीने देश के लिए बेहद अहम साबित होने वाले हैं। इस समय में या तो बांग्लादेश (Bangladesh) संभल सकता है या फिर उसकी हालत और भी अधिक खराब हो जाएगी। निर्यात की तुलना में आयात पर खर्च बढ़ने से बांग्लादेश का शुद्ध मुनाफा भज सीधे तौर पर धीरे-धीरे कम होता जा रहा है।

बांग्लादेश में जारी आर्थिक संकट (Bangladesh Economic Crisis) का असल कारण देश के लिए आयात शुल्क (Import Duty Hike) में हुआ इजाफा बताया जा रहा है, और वहीं इसके सापेक्ष में निर्यात के चलते होने वाली आमदनी में कोई बदलाव या बढ़ोत्तरी देखने को नहीं मिली है। जिसके चलते देश में आर्थिक संकट जैसे हालात पैदा हो रहे हैं। अब ऐसे में प्रकाशित रिपोर्ट के आधार पर बताया गया है कि बांग्लादेश के लिए मात्र 5 महीने के आयात को ही वहन करने भर का विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) शेष है, यानी ज़ल्द ही यदि कोई ठोस और सफल निर्णय नहीं लिया गया तो हमने हाल ही में श्रीलंका के जो हालात देखें हैं ठीक वही हालात आने वाले समय में श्रीलंका के हो सकते हैं।

कई देशों में ऐसी समस्याएं

वर्तमान में दुनिया के कई देश ऐसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं और इसका सबसे अहम कारण लगातर बढ़ रही वैश्विक महंगाई और आयात शुल्क में बढ़ोत्तरी है। रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते कच्चे तेल और पेट्रोल सहित वस्तुओं की कीमत में व्यापक वृद्धि भी इस संकट की बड़ी अहम वजह है। दरअसल विशेषकर रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते बंगलादेश समेत दुनिया के कई देशों का आयात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। जिसके मद्देनज़र जारी आयात के शुल्क में भी इजाफा हो गया है, वहीं देश का निर्यात भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

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