Banking Crisis in Afghanistan: अफगानिस्तान का बैंकिंग सिस्टम कुछ ही महीनों के भीतर हो सकता ध्वस्त, UNDP की रिपोर्ट में दी जानकारी

Banking Crisis in Afghanistan: संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की एक नई रिपोर्ट में बीते सोमवार को जानकारी दी गई है कि अफगानिस्तान की बैंकिंग सिस्टम कुछ ही महीनों के भीतर ध्वस्त हो जाएगी। युद्धग्रस्त मुल्क को नकदी की कमी और कर्ज में हो रही बढ़ोतरी का सामना करना पड़ रहा है।

Newstrack :  Network
Published By :  Deepak Kumar
Update: 2021-11-23 02:46 GMT

Banking Crisis in Afghanistan: अफगानिस्तान का बैंकिंग सिस्टम कुछ ही महीनों के भीतर हो सकता ध्वस्त।

Banking Crisis in Afghanistan: अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होने के बाद अफगान में मानो मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। वहीं, अब अफगानिस्तान की बैंकिंग सिस्टम (banking system of Afghanistan) कुछ ही महीनों के भीतर ध्वस्त हो जाएगी। युद्धग्रस्त मुल्क को नकदी की कमी और कर्ज में हो रही बढ़ोतरी का सामना करना (Banking Crisis in Afghanistan) पड़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) की एक नई रिपोर्ट में सोमवार को इसकी जानकारी दी गई है। संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की इस बॉडी ने अफगानिस्तान (Afghanistan) में तत्काल त्वरित और निर्णायक कार्रवाई करने की गुजारिश की है। यूएनडीपी (UNDP) ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर बैंकिंग सिस्टम ध्वस्त (Banking Crisi in Afghanistan)हो जाती है तो इसकी आर्थिक लागत और सामाजिक परिणाम काफी भारी होने वाले हैं।

काबुल (Kabul) पर तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद से ही अफगान जनता को नकदी की भारी कमी से जूझना पड़ रहा है। वहीं, तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद अफगानिस्तान (Afghanistan) पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगा दिए गए, जिसकी वजह से ये मुसीबत और बढ़ गई। प्रतिबंधों की वजह से अफगानिस्तान (Afghanistan) का विदेशों में जमा पैसा फ्रीज कर दिया गया और अधिकतर विदेशी सहायता को सस्पेंड हो गई। नकदी की कमी की वजह से तालिबान सरकार (Taliban Government) को बैंक से पैसा निकालने की दर को सीमित करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इसके बाद से ही देश की मुसीबत बढ़ी हुई है। अफगानिस्तान (Afghanistan) अपनी जरूरतों के बड़े हिस्से के लिए विदेशी सहायता पर निर्भर है।

बैंकिंग के बिना मानवीय सहायता मुश्किल

अफगानिस्तान (Afghanistan) में यूएनडीपी के प्रमुख अब्दुल्ला अल दारदारी (UNDP chief Abdallah al Dardari) ने कहा बैंकिंग सिस्टम (Banking Crisis of Afghanistan) का पतन देश में तेजी से घटती आर्थिक गतिविधि को धीमा कर (Afghanistan Financial Crisis) रहा है और अंतरराष्ट्रीय सहायता प्रयासों को कमजोर कर सकता है। एक बयान में उन्होंने कहा, बैंकिंग क्षेत्र के बिना अफगानिस्तान (Afghanistan Bank) के लिए कोई मानवीय समाधान नहीं है। क्या हम वाकई अफगानों को पूरी तरह से अलग-थलग देखना चाहते हैं?

देश में पैसा न होने से स्थिति खराब

यूएनडीपी रिपोर्ट (UNDP Report) में कहा गया कि देश में कुल बैंकिंग सिस्टम 2020 (Banking System 2020) के आखिर तक 268 बिलियन अफगानी जमा था, जो सितंबर के अंत तक 194 बिलियन अफगानी (2 बिलियन अमेरिकी डॉलर) तक पहुंच गया। इस राशि में 2021 के आखिर तक 165 बिलियन अफगानी की और गिरावट होने की उम्मीद है, जो पिछले साल के मुकाबले जमा पैसे में 40 फीसदी की गिरावट होगी। कर्ज भी एक नई मुसीबत बनकर उभर रहा है. नॉनपरफॉर्मिंग लोन्स 2020 के आखिर में 30 फीसदी थे, जो सितंबर तक बढ़ते हुए 57 फीसदी पर आ गए हैं। मौजूदा संकट ने बैंकों को नए कर्ज देने से रोकने को मजबूर किया है। इस वजह से छोटी फर्मों के लिए स्थिति और खराब हो गई है।

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