...तो हो गया फाइनल, अब ईरान को सबक सिखाएगा इजरायल! नेतन्याहू ने बाइडेन को बताया हमले का प्लान
Israel and America: नेतन्याहू और बाइडेन के बातचीत के तुरंत बाद ही इजरायल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट का बड़ा बयान भी सामने आया। उन्होंने कहा कि जो भी इजरायल पर हमला करेगा, उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। इजरायल का हमला घातक और सटीक होगा और ईरान को इसकी भनक तक नहीं लगेगी।
Israel and America: इजरायल इस समय अपने दुश्मनों को सबक सिखाने में जुटा है। वह एक ओर जहां लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों को निशाना बना कर लगातार बम बरसार रहा है तो वहीं गाजा में हमास पर भी कहर बन कर टूट रहा है। इस बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच बातचीत हुई है। बुधवार को दोनों नेताओं के बीच 50 मिनट तक हुई इस बातचीत में कई मुद्दों पर चर्चा की गई।
कमला हैरिस भी शामिल हुईं
दोनों के बीच हाल की में ईरान द्वारा इजरायल पर किए गए मिसाइल हमले और इस पर जवाबी हमले को लेकर बात हुई है। बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं के बातचीत में अमेरिका की उप-राष्ट्रपति और राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस भी शामिल हुईं। नेतन्याहू और बाइडेन की बातचीत को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। माना जा रहा है कि अब इजरायल जल्द ही ईरान को सबक सिखाने वाला है। इजरायल ईरान के हमले का जवाब दे सकता है। ईरान पर इजरायल कड़ा प्रहार करेगा यह तो तय माना जा रहा है।
ईरान पर क्या बोले इजरायली रक्षा मंत्री योआव गैलेंट?
वहीं दोनों नेताओं की बातचीत के थोड़ी देर बाद ही इजरायल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट का बड़ा बयान भी सामने आया। उन्होंने कहा कि जो भी इजरायल पर हमला करेगा, उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। गैलेंट ने यह भी कहा कि इजरायल का हमला घातक और सटीक होगा और ईरान को इसकी भनक तक नहीं लगेगी। उन्होंने कहा कि ईरान का इजरायल पर हमला आक्रामक था लेकिन उसमें सटीकता की कमी थी। उन्होंने कहा कि इजरायल एक साथ मध्यपूर्व क्षेत्र-ईरान, लेबनान, सीरिया की गतिविधियों पर नजर रख सकता है।
नेतन्याहू ने क्यों नहीं जाने दिया US?
वहीं इजरायली रक्षा मंत्री गैलेंट की अमेरिका यात्रा रद्द होने को लेकर स्थानीय मीडिया में कई तरह की चर्चाएं भी हो रही हैं। जैसे उनकी यात्रा तब तक स्थगित रहेगी जबतक कि नेतन्याहू-बाइडेन की बातचीत के नतीजे नहीं आ जाते। ऐसी संभावना है कि इजराली पीएम नेतन्याहू रक्षा मंत्री गैलंट को ज्यादा पावर हासिल करने देने के मूड में नहीं हैं, और वह अपने समर्थकों को यह दिखाना चाहते हैं कि वह गैलेंट के अमेरिका के साथ ज्यादा करीबी नहीं आने देना चाहते हैं। यह घटना उस समय सामने आई है जब अमेरिका और इजरायल के बीच रणनीतिक संबंधों की दिशा में भी बदलाव की संभावना बनती दिख रही है।