Afghanistan Blast: धमाके से दहला अफगानिस्तान, तालिबान के गवर्नर की हुई मौत, कई अन्य जख्मी

Afghanistan Blast: अफगानिस्तान से एक और बड़े धमाके की खबर आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिकस बल्ख प्रांत के गवर्नर के दफ्तर के बाहर एक हमलावर ने खुद को उड़ा लिया। इसके चपेट में प्रांत के तालिबानी गवर्नर के आने की भी खबर है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-03-09 13:58 IST

Bomb Blast in Afghanistan (Pic: Social Media)

Afghanistan Blast: फिदायीन हमले के लिए कुख्यात रहे तालिबान अब खुद इसके जद में है। कट्टरपंथी चरमपंथी संगठन ने जब से अफगानिस्तान की हुकूमत संभाली है, उनके नेताओं और लड़ाकों को आत्मघाती हमलों के जरिए ठिकाना लगाया जा रहा है। इस बीच अफगानिस्तान से एक और बड़े धमाके की खबर आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिकस बल्ख प्रांत के गवर्नर के दफ्तर के बाहर एक हमलावर ने खुद को उड़ा लिया। इसके चपेट में प्रांत के तालिबानी गवर्नर के आने की भी खबर है।

तालिबानी गवर्नर की मौत

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, धमाका गवर्नर दफ्तर के बाहर उस वक्त किया गया, जब अंदर तालिबान के बड़े नेताओं की बैठक चल रही थी। धमाके में वहां मौजूद लोगों के चीथड़े उड़ गए। तालिबानी गवर्नर दाऊद मुजम्मिल के भी मारे जाने की खबर है। कई अन्य शीर्ष तालिबानी नेताओं के मारे जाने की भी आशंका है।

बल्ख प्रांत के पुलिस प्रमुख ने हमले में गवर्नर दाऊद के मारे जाने की पुष्टि की है। पुलिस के मुताबिक, धमाका प्रांतीय दफ्तर के बेहद नजदीक हुआ। पुलिस प्रवक्ता मोहम्मद आसिफ वजीरि ने बताया कि ब्लास्ट के दौरान दफ्तर के अंदर प्रशासनिक मसलों को लेकर मीटिंग चल रही थी। तालिबानी लड़ाकों ने घटना के फौरन बाद इलाके को सील कर दिया है।

इस्लामिक स्टेट ने करवाया हमला ?

तालिबान शासित अफगानिस्तान में हुए इस भीषण हमले को अंजाम देने की आशंका आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट पर है। तालिबान ने जब से अफगानिस्तान की सत्ता संभाली है, तब से उसे इस्लामिक स्टेट से कड़ी चुनौती मिल रही है। दोनों एक दूसरे के नेताओं और लड़ाकों को निशाना बनाते रहते हैं। फरवरी के अंत में तालिबान ने राजधानी काबुल में एक ऑपरेशन चलाकर इस्लामिक स्टेट खुरासान के सैन्य प्रमुख कारी फतेह को मार गिराया था। इसके अलावा आईएस के दो अन्य कमांडर भी मारे गए थे। ऐसे में ताजा अटैक को इस्लामिक स्टेट के जवाबी हमले के तौर पर भी देखा जा रहा है।

बता दें कि इस्लामिक स्टेट और तालिबान दोनों सुन्नी इस्लामिक चरमपंथी संगठन हैं। लेकिन इस्लामिक स्टेट खुद को तालिबान से भी अधिक कट्टर और खुद को इस्लाम का असली ध्वजवाहक मानता है। दोनों संगठनों के बीच विभिन्न राजनीतिक मुद्दों के साथ - साथ धार्मिक मसलों पर भी मतभेद है। तालिबान मूलतः सुन्न इस्लाम के हनफी शाखा पर अमल करने वाले लोग हैं। अधिकांश सुन्नी अफगान इसी धारा के लोग हैं। वहीं, इस्लामिक स्टेट सुन्नी इस्लाम की वहाबी/सलफी शाखा को मानने वाले लोग हैं।  

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