20 हजार लोगों की मौत के बाद बना दुनिया का सबसे नया देश, जानें खासियत

माना जा रहा है कि बोगनविल की आजादी के बाद ये देश टूरिस्ट हब के तौर पर भी डेवलप किया जा सकता है। बुका टाउन या बुका द्वीप इसकी राजधानी बनेगी जिससे देश के सभी सरकारी कामकाज शुरू किए जाएंगे।

Update:2019-12-11 17:55 IST

नई दिल्ली: दुनिया बहुत बड़ी है और यहां सैकड़ों देश हैं। कुछ देशों के नाम भी हमें मालूम नहीं होंगे। ऐसे ही जल्द ही दुनिया के मानचित्र पर एक नया देश अस्तित्व में आने वाला है। ये देश पश्चिम अफ्रीका के देश पापुआ न्यू गिनी से अलग होकर बनेगा। इस देश को बोगनविल के नाम से जाना जाएगा।

बता दें कि अलग देश बनाने को लेकर नवंबर महीने के आखिर में जनमत संग्रह की प्रक्रिया शुरू की गई थी, जिसके नतीजे आ गए हैं। बड़ी संख्या में लोगों ने पापुआ न्यू गिनी से अलग होकर नया देश बनाने के लिए वोट किया है। जनमत संग्रह में करीब दो लाख वोटरों का नाम रजिस्टर किया गया था। इस क्षेत्र के करीब 98 फीसदी लोगों ने नया देश बनाने के लिए वोट किया है।

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इस समय इस क्षेत्र में करीब तीन लाख आबादी है। इस आबादी में ज्यादातर हिस्सा ग्रामीण इलाकों का है। इस क्षेत्र में राजधानी बुका के अलावा दो और महत्वपूर्ण शहर हैं-अरावा और बुइन। 2011 की जनगणना के मुताबिक इस क्षेत्र की जनसंख्या 2,49,358 थी। माना जा रहा है कि बोगनविल की आजादी के बाद ये देश टूरिस्ट हब के तौर पर भी डेवलप किया जा सकता है। बुका टाउन या बुका द्वीप इसकी राजधानी बनेगी जिससे देश के सभी सरकारी कामकाज शुरू किए जाएंगे।

कैसी है बोगनविल की भाषा

इस इलाके की स्थानीय भाषा आम तौर पर टोक-पिसिन हैफ जो कुछ-कुछ पापुआ न्यू गिनी में बोली जाने वाली अंग्रेजी की तरह है। हालांकि इसके अलावा यहां करीब 19 स्थानीय भाषाएं भी बोली जाती हैं। लेकिन कनेक्टिंग लैंग्वेज के तौर पर टोक-पिसिन का ही इस्तेमाल होता है।

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क्या है बोगनविल का इतिहास

बोगनविल द्वीप का नाम फ्रांसीसी नाविक लुई डे एंटोनियो बोगनविल के नाम पर है। इसी नाविक ने इस क्षेत्र की खोज की थी। 19वीं सदी में बोगनविल पर जर्मनी का शासन था। द्वितीय विश्व युद्ध में जापान ने इस क्षेत्र का इस्तेमाल मिलिट्री बेस के तौर पर किया था। और फिर 1975 तक यहां ऑस्ट्रेलिया का शासन रहा। इसके बाद आजाद होकर पापुआ न्यू गिनी देश बना जिससे अलग अब बोगनविल बनने वाला है।

इस इलाके में मौजूद संसाधनों के इस्तेमाल को लेकर बोगनविल के लड़ाकों और पापुआ न्यू गिनी की सेना के बीच 1989 से 1998 तक युद्व हुआ। आंकड़ों के मुताबिक इस संघर्ष में करीब 20 हजार लोगों की जान गई थी।

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