कोरोना स्ट्रेन: इस देश में आज से लागू किया गया अब तक का सबसे कठोर लॉकडाउन
प्रधानमंत्री जॉनसन ने एक इंटरव्यू में कहा कि 'वैक्सीन से उम्मीद और खुद की जांच अगले कुछ हफ्तों के लिए पर्याप्त नहीं है, और संभवत: लंबे समय तक रहने वाली है।
नई दिल्ली: ब्रिटेन में कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन मिलने के बाद से सरकार ने सख्ती बढ़ा दी है। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के निर्देश पर ब्रिटेन में गुरुवार यानी आज से इंग्लैंड की आबादी के तीन-चौथाई हिस्सों में शीर्ष स्तर का लॉकडाउन लागू किया जाएगा।
दावा किया जा रहा है ब्रिटेन के अंदर ये अब तक का सबसे सख्त लॉकडाउन है। इससे पहले बोरिस जॉनसन ने कहा कि यह महीना बेहद कठिन है, कोरोना वायरस को नियंत्रित करने के लिए तेजी से टीकाकरण का काम किया जा रहा है, लेकिन यह काफी नहीं है।
सख्ती बढ़ाने के पीछे सरकार का तर्क है कि कोरोना महामारी की वजह से पहले से ही अस्पतालों पर मरीजों का दबाव है, जो कि नए स्ट्रेन के आने के बाद और बढ़ गया है।
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प्रधानमंत्री जॉनसन ने कही ये बड़ी बात
ऐसे में इंग्लैंड की आबादी के तीन-चौथाई हिस्सों में शीर्ष स्तर का लॉकडाउन लागू करना आवश्यक है। इसलिए सरकार ने इस तरह का कदम उठाया है।
प्रधानमंत्री जॉनसन ने एक इंटरव्यू में कहा कि 'वैक्सीन से उम्मीद और खुद की जांच अगले कुछ हफ्तों के लिए पर्याप्त नहीं है, और संभवत: लंबे समय तक रहने वाली है।
अब इन सर्दियों के महीनों में बहुत मुश्किल होगी इसलिए हमें वास्तव में इसपर ध्यान केंद्रित करते हुए अनुशासन बनाए रखना चाहिए।
कोरोना वायरस के नए प्रकार के प्रसार का मतलब है कि इंग्लैंड के अधिक हिस्सों को सबसे सख्त स्तर चार के प्रतिबंधों के तहत रखा जाएगा, गैर-आवश्यक खुदरा दुकानों को बंद करने और सामाजिक गतिविधि को और सीमित करने की आवश्यकता है।
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मंगलवार को कोरोना के 50,000 से अधिक नए मामले
जॉनसन ने कहा कि 'मुझे पता है कि यह लोगों के लिए कठिन है, लेकिन इसे पूरा करना होगा। गौरतलब है कि ब्रिटेन में मंगलवार को कोरोना के 50,000 से अधिक नए मामले सामने आये थे। जिसके बाद से वहां पर एक बार फिर से बड़ा खतरा मंडराने लगा है।
यह आंकड़ा महामारी की शुरुआत के बाद से उच्चतम दैनिक आंकड़ा है। अस्पताल में कोरोना वायरस के इलाज के लिए आने वाले लोगों की संख्या पहले ही संक्रमण की पहली लहर के दौरान दर्ज किए गए रिकॉर्ड को तोड़ चुकी है।
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