Chandra Grahan 2021: खूनी लाल रंग में होगा चंद्रमा, जानें कहां-कहां दिखेगा ग्रहण
Chandra Grahan 2021: आज साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। आज चंद्रमा खूनी लाल रंग का दिखेगा।
Chandra Grahan 2021: आज यानी बुधवार को इस साल का पहला चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse 2021) लगने वाला है। यह उपछाया चंद्र ग्रहण है जो वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि को लग रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस चंद्र ग्रहण को काफी ज्यादा महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ज्योतिष के हिसाब से यह ग्रहण कुछ राशियों के लिए शुभ है तो कुछ राशियों के लिए अशुभ है।
वैसे कई लोग इस बात को भी जानना चाहते हैं कि आखिर साल का यह पहला चंद्र ग्रह दुनिया के किन किन हिस्सों में दिखाई देगा। तो चलिए जानते हैं कि आखिर किन किन जगहों पर देखा जा सकेगा यह चंद्र ग्रहण-
यहां दिखेगा चंद्र ग्रहण
इसे पूर्वी एशिया, प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, दक्षिण अमरीका, उत्तर अमरीका, ऑस्ट्रेलिया और अंटार्टिका के क्षेत्रों में देखा जा सकेगा। वहीं अगर बात की जाए कि भारत में इसे कहां कहां देखा जा सकेगा तो यह चंद्र ग्रहण भारत के उत्तर पूर्वी हिस्सों (सिक्किम को छोड़कर), पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों, ओड़िशा के कुछ तटीय हिस्सों और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह से दिखाई देगा।
वैसे आपको बता दें कि भारत में इस चंद्र ग्रहण का आंशिक चरण दिखाई देगा। इसकी जानकारी पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने दी है। भारत में इस ग्रहण को उपछाया ग्रहण कहा जा रहा है, इसलिए देश में इस चंद्र ग्रहण का धार्मिक प्रभाव और सूतक मान्य नहीं होगा।
खूनी लाल रंग में होगा चांद
आज का चंद्र ग्रहण कई मायनों में दुर्लभ है। आज सुपरमून, ब्लड मून और पूर्ण चंद्र ग्रहण की घटनाएं एक साथ होने जा रही हैं। बता दें कि बीते 6 सालों में सुपरमून और पूर्ण चंद्र ग्रहण एक साथ नहीं हुआ है। ऐसे में यह ग्रहण काफी ज्यादा खास होने वाला है। वैज्ञानिक इसे सुपर लूनर इवेंट का नाम दे रहे हैं। क्योंकि सुपरमून होने के साथ साथ आज ग्रहण भी है और चांद का रंग खूनी लाल रहेगा।
आज दिखने वाला चांद का नजारा काफी ज्यादा बेहतरीन होने वाला है। ग्रहण के वक्त चांद आकार में बड़ा और खूनी लाल दिखाई देगा। जिसे देखने के लिए लोग काफी ज्यादा उत्साहित हैं। बताया जा रहा है कि ग्रहण के समय जब चांद सबसे ज्यादा चमकदार होगा, उस दौरान 14 मिनट 30 सेकंड के लिए ये नजारा दिखाई देगा।
ब्लड मून
सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी के आ जाने से चंद्र ग्रहण की स्थिति बन जाती है। इस स्थिति में पृथ्वी की छाया से चंद्रमा की रोशनी ढक जाती है। साथ ही सूर्य की रोशनी जब पृथ्वी के वायुमंडल से टकराकर चांद पर पड़ती है तो यह और ज्यादा चमकदार दिखने लगता है। फिर जैसे जैसे चंद्रमा पृथ्वी के करीब आता है, यह गहरे लाल रंग का नजर आने लगता है। इसी प्रोसेस को ब्लड मून कहते हैं।
चंद्र ग्रहण कब लगेगा
चंद्र ग्रहण 26 मई दिन बुधवार को दोपहर 2 बजकर 17 मिनट से शुरू होकर शाम 7 बजकर 19 मिनट तक रहेगा। ज्योतिष विज्ञान में यह भी माना जाता है कि चंद्र ग्रहण के दौरान कुछ कामों से परहेज करना चाहिए और कुछ काम इस दौरान करने से अच्छा फल मिलता है। यही फल इस ग्रहण का प्रभाव है जो किसी न किसी रूप में हमें हमारे परिवेश में दिखाई देता है।