चीन पर आई आफत: डूब गया वुहान शहर, 433 नदियों ने मचाई भयानक तबाही

चीन का समूचा हुबेई प्रान्त और वुहान शहर भयंकर बाढ़ की चपेट में है। आलम ये है कि चीन में छोटी बड़ी 433 नदियों में पानी खतरे के निशान के ऊपर हैं इनके आसपास के विशाल क्षेत्र जलमग्न है।

Update:2020-07-20 11:07 IST

नई दिल्ली: चीन का समूचा हुबेई प्रान्त और वुहान शहर भयंकर बाढ़ की चपेट में है। आलम ये है कि चीन में छोटी बड़ी 433 नदियों में पानी खतरे के निशान के ऊपर हैं इनके आसपास के विशाल क्षेत्र जलमग्न है। कोरोना के कारण बदनाम हुबेई के वुहान शहर की लगभग सवा करोड़ की आबादी बाढ़ की मार झेल रही है, पूरा शहर डूबा पड़ा है। सब कारखाने और कामकाज बंद है। वुहान के अस्तित्व पर संकट आया हुआ है।

एक महीने से आई हुई है आफत

बारिश और बाढ़ से 150 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। लेकिन ये चीन का सरकारी आंकड़ा है। असली संख्या कई गुना ज्यादा हो सकती है। पूरे जून से लेकर अब तक यहां सात बार भयंकर बारिश हो चुकी है। इसके अलावा बड़े बांधों से छोड़े गए पानी ने भी तबाही मचाई है। बाढ़ से 52 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।

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बनाई गई दीवारें

वुहान को बचाने के लिए यांग्तजी नदी के किनारे रेत की बोरियां लगाई गई है और स्टील की दीवारें खड़ी की गई हैं। लोगों में दहशत है कि कहीं इस बाढ़ से दूसरी कोई बीमारी न उत्पन्न हो जाए। वुहान को बचाने के लिए अनहुई प्रांत में एक बांध को डाइनामाइट से उड़ा दिया गया है।

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50 साल की सबसे भयानक बारिश

चीन में 50 साल में सब भयंकर बारिश हुई है। लेकिन जिस तरह दुनिया के सबसे बड़े हाइड्रो इलेक्ट्रिक परियोजना के बांधों के गेट खोले गए हैं उनसे तमाम सवाल उठ गए हैं।

यांगत्ज़े नदी पर बने 'थ्री गोर्जेस डैम' का असर बहुत ज्यादा पड़ा है। इन डैम को बनाने के पीछे एक कारण ये गिनाया जाता था कि इससे बाढ़ को कंट्रोल किया जा सकेगा। लेकिन निर्माण के 20 साल के भीतर इन्हीं बांधों ने तबाही मचा दी है। ये बांध 2006 में पूरा हो गया था। 2012 में यहां बिजली बनने लगी।

ये चीन का सबसे महंगा और सबसे विवादित बांध है। इस प्रोजेक्ट के कारण 15 लाख 7 लोग विस्थापित हो गए थे। दावा किया गया था कि डैम बन जाने से यांगत्ज़े नदी की सदियों पुरानी बढ़ की प्रॉब्लम हमेशा के लिये सुलझ जाएगी। और इससे चीन के औद्योगिक बूम को सपोर्ट करने के लिए पर्याप्त बिजली मिलने लगेगी।

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दी गयी थी चेतावनी

डैम के बारे में आई भूवैज्ञानिकों ने चेतावनी दी थी कि जलाशय में ज्यादा पानी भरने देने से भूकंप के खतरा बढ़ जाएगा और नदी की इकोलॉजी को गम्भीर खतरा उत्पन्न हो जायेगा।

पिछले हफ्ते ही बारिश के कारण बढ़े पानी को कम करने के लिए इस डैम के 3 फ्लडगेट को खोल दिया था। बारिश के कारण इस डैम का जलस्तर बाढ़ के स्तर से 15 मीटर ऊपर चला गया था।

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सवाल भी उठे

जिस तरह से बाढ़ आई है और वुहान जल प्लावित हुआ है उससे ये अंदेशा भी जताया जा रहा है कि कहीं चीन नई कोरोना वायरस के सबूत मिटाने के लिए तो ये कारनामा नहीं कर दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की टीम वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए वुहान जाने वाली थी।

रिपोर्ट- नीलमणि लाल

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