बारूद की ढेर पर बैठी दुनिया, चीन की इस एक गलती से मच सकती है भीषण तबाही

 स्टार्टफोर संस्था के वरिष्ठ  वैश्विक विश्‍लेषक सिम टैक ने कहा कि चीन के सैन्य ठिकानों की यह तैयारी लद्दाख टकराव से ठीक पहले की गई जो यह दर्शाती है कि पूर्वी लद्दाख में जारी यह तनाव चीन के अपने सीमाई इलाकों पर नियंत्रण हासिल करने के लिए बड़े पैमाने पर किए जा रहे प्रयास का हिस्सा् है।

Update: 2020-09-22 07:14 GMT
चीन का अपने सैन्ये ठिकानों को अपग्रेड करने का काम अभी भी पूरा नहीं हुआ है। सैन्या ठिकानों का विस्तार और निर्माण ज्यादातर मामलों में अभी जारी है।

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच सीमा विवाद का मामला और भी ज्यादा उलझता ही जा रहा है। सीमा विवाद को सुलझाने के लिए कई दौर की वार्ताएं भी हुई लेकिन किसी भी बैठक में कोई ठोस नतीजा नहीं निकला।

नतीजतन एलएसी पर दोनों देशों की सेनाएं डटी हुई हैं। बॉर्डर पर आज जिस तरह के हालात हैं उसे देखकर युद्ध की बात से इनकार नहीं किया जा सकता है। चीन के हर खतरे से निपटने के लिए इस बार भारतीय सेना भी पूरी तरह से तैयार खड़ी है।

उन्हें जंग में लड़ने के लिए हाईटेक हथियार से लेकर जरूरी सामान पहले ही उनके पास पहुंचा दिए गये हैं। अगर ठण्ड में लड़ाई की नौबत आई तो उसके लिए भी हमारी सेना तैयार है। उनके लिए गर्म कपड़े से लेकर राशन और जरूरी सामान स्टोर कर रखें हैं।

दवा से लेकर डॉक्टर्स के इंतजाम पहले से ही कर दिए गये हैं। राफेल से लेकर बोफोर्स टैंक तक तैनात कर दी गई है। हमारी सेना हर तरह से चीन से दो-दो हाथ करने में पूरी तरह से सक्षम हैं।

पीएम नरेंद्र मोदी की फोटो(सोशल मीडिया)

चीन के मन में डोकलाम की कसक आज तक बनी हुई है

बात करें अगर चीन की तैयारियों की तो भूटान से लगे डोकलाम में वर्ष 2017 में भारत के सख्त रुख के बाद पीछे हटने को मजबूर हुए चीन ने पिछले तीन साल में वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे अपने इलाके में हवाई ठिकानों की संख्या को दोगुना कर दिया है।

इतना ही नहीं उसने भारतीय विमानों और मिसाइलों को मार गिराने के लिए एयर डिफेंस पोजिशन और हेलीपोर्ट की संख्या को भी बढ़ाकर दोगुना कर दिया है। चीन ने यह तैयारी लद्दाख में तनाव पैदा करने के ठीक पहले की जिससे उसकी मंशा अब खुलकर सामने आ रही है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक डोकलाम में भारत से मिले झटके के बाद चीन ने अपने रणनीतिक लक्ष्यों में परिवर्तन किया है। वैश्विक खुफिया निगरानी संस्था स्टार्टफोर की ओर से जारी इस रिपोर्ट में सैटलाइट तस्वीरों के हवाले से कहा गया है कि चीन के इन सैन्य ठिकानों का सीधा असर भारतीय सुरक्षा पर पड़ रहा है।

स्टार्टफोर संस्था के वरिष्ठ वैश्विक विश्‍लेषक सिम टैक ने कहा कि चीन के सैन्य ठिकानों की यह तैयारी लद्दाख टकराव से ठीक पहले की गई जो यह दर्शाती है कि पूर्वी लद्दाख में जारी यह तनाव चीन के अपने सीमाई इलाकों पर नियंत्रण हासिल करने के लिए बड़े पैमाने पर किए जा रहे प्रयास का हिस्सा् है।

एलएसी पर तैनात भारतीय सेना की फोटो (सोशल मीडिया)

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लम्बे समय तक जंग लड़ने की चीन की मंशा

टैक की रिपोर्ट में कहा गया है, 'चीन एक बार जब अपने सैन्य ठिकानों का निर्माण पूरा कर लेगा तो ये सैन्य अड्डे चीन को भारत के खिलाफ और ज्यादा व्यापक अभियान चलाने में सहायता करेंगे।'

रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि चीन का अपने सैन्ये ठिकानों को अपग्रेड करने का काम अभी भी पूरा नहीं हुआ है। सैन्या ठिकानों का विस्तार और निर्माण ज्यादातर मामलों में अभी जारी है।

इसलिए भारत के साथ लगती सीमा पर अभी जो तनाव चल रहा है वह ड्रैगन के लंबे समय इरादों की बस शुरुआत मात्र है।भारत के लिए इसका परिणाम बिल्कुल साफ दिखाई दे रहा है।

आगे रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि चीन साउथ चाइना सी की रणनीति को दोहराते हुए लद्दाख में सैन्य क्षमता का प्रदर्शन करके भविष्य में भारत के किसी प्रतिरोध या सैन्य कार्रवाई को हतोत्साहित करना चाहता है।

चीन अपने सैन्य दबदबे को बढ़ाने के लिए हवाई क्षमता को बढ़ाने पर पूरा जोर दिए हुए है। इसीलिए चीन चार एयर डिफेंस पोजिशन बना रहा है। इसमें अतिरिक्तए रनवे और विमानों के लिए शेल्टोर भी सम्मिलित है।

रिपोर्ट की मानें तो चीन भारत से लगे वास्त्विक नियंत्रण रेखा पर 13 बिल्कुल नए सैन्य पोजिशन बना रहा है। भारतीय सीमा पर चीन के सैन्य विस्तार में एयर बेस का निर्माण, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सुविधा, हेलीपोर्ट और एयर डिफेंस स्थल शामिल हैं।

इसमें तीन एयर बेस, 5 स्था्यी एयर डिफेंस पोजिशन और पांच हेलीपोर्ट शामिल हैं। इनमें से 4 नए हेलीपोर्ट का निर्माण मई में लद्दाख संकट की शुरुआत के बाद किया गया है।

शी जिनपिंग की फोटो(सोशल मीडिया)

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इसलिए चिढा हुआ चीन

बताते चलें कि भारत दक्षिण चीन सागर में स्वतंत्र नौवहन के लिए अमेरिका के साथ खड़ा है, इससे भी चीन चिढ़ा हुआ है। स्टार्टफोर की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय मोर्चे पर चीन की सैन्यत तैनाती एक बड़ी रणनीति का हिस्सा है। यह कुछ उसी तरह से है जैसे चीन का लक्ष्य दक्षिण चीन सागर में है। दक्षिण चीन सागर में चीन ने कृत्रिम द्वीप बनाए और बाद में उसे एक पूर्ण नौसैनिक अड्डे में परिवर्तित कर दिया है।

चीन की सेना की फोटो(सोशल मीडिया)

चीन की इस एक गलती से मच सकती है तबाही

जानकारों की मानें तो अगर चीन ने भारत पर हमला करने की कोशिश की तो अमेरिका, ताइवान समेत कई ऐसे देश जो पहले से ही चीन से चिढ़े हुए हैं। सब एक साथ मिलकर चीन पर हमला बोल सकते हैं। इससे भीषण तबाही मच सकती है। चीन ये बात अच्छे से जानता है इसलिए अभी केवल अपने प्रोपोगेन्डा से भारत और दूसरे मुल्कों को डराने की कोशिश कर रहा है।

युद्ध की प्रतीकात्मक फोटो(सोशल मीडिया)

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