Trump Tariff: ट्रम्प टैरिफ से झुके कई देश, बातचीत का माहौल बना
Trump Tariff: यूरोपीय यूनियन ने अभी अपना रास्ता तय नहीं किया है। 27 देशों के यूरोपियन ब्लॉक के व्यापार मंत्री अमेरिका की नई व्यापार व्यवस्था पर अपनी प्रतिक्रिया पर चर्चा करने के लिए लक्ज़मबर्ग में एकत्र हुए थे।;
Donald trump tariff (photo: social media )
Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जवाबी टैरिफ पर देशों की प्रतिक्रिया के बारे में अलग-अलग रिएक्शन सामने आ रहे हैं। एक तरफ चीन की लम्बी लड़ाई की रणनीति है तो वहीं जापान, बांग्लादेश, विएतनाम जैसे देशों ने बातचीत करके सुलह का रास्ता अपनाया है।
चीन की चुनौती
डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर चीन अमेरिकी सामानों पर लगाए गए 34 प्रतिशत टैक्स को वापस नहीं लेता है, तो वह अमेरिका से चीन के आयात पर अतिरिक्त 50 प्रतिशत टैक्स लगा देंगे। इस पर चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने चुनौती दी है कि वह अपने हितों की रक्षा के लिए अमेरिका के खिलाफ “अंत तक लड़ेगा” और जवाबी कार्रवाई करेगा। वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका द्वारा चीन पर पारस्परिक टैरिफ” लगाना पूरी तरह से एकतरफा धमकाने वाली प्रथा है। ये अमेरिका की ब्लैकमेलिंग प्रकृति को उजागर करती है। चीन इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा। अगर अमेरिका अपने तरीके पर जोर देता है, तो चीन अंत तक लड़ेगा। मंत्रालय ने अपने नवीनतम बयान में संकेत दिया है कि अमेरिकी सामानों पर और भी कई टैरिफ लगाए जा सकते हैं।
जापान ने बातचीत का रास्ता चुना
जहाँ चीन अंत तक लड़ने को तैयार है वहीं, जापान अमेरिका के साथ बातचीत करने के लिए एक टीम भेजने के लिए तैयार है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि उन्होंने जापानी प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा से बात की है और जापान अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट और व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर के साथ बातचीत करने के लिए एक टीम भेज रहा है।
शेयर बाजार में उम्मीद जगी
जापान के नरम रवैये का असर बाजारों पर भी पड़ा है और जापान स्टोक मार्केट का बेंचमार्क निक्केई-225 में 6 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि हुई है। अन्य एशियाई बाजारों ने भी बढ़त दिखाई है। पिछले तीन कारोबारी सत्रों में भारी बिकवाली के दबाव को देखने के बाद 8 अप्रैल को शुरुआती कारोबार में भारत के सेंसेक्स और निफ्टी में भी 1 प्रतिशत से अधिक की तेजी आई।
ट्रम्प हो सकते हैं राजी
एशियाई बाजारों में आशावाद इस विश्वास पर टिका है कि जापान अमेरिका से बातचीत को सफल बना सकता है और ट्रम्प को को टोक्यो पर लगाए गए टैरिफ पर रोक लगाने के लिए राजी कर सकते हैं। इससे ट्रम्प को भी जीत का दावा करने का मौका मिलेगा। इसके अलावा इससे दूसरे देशों के लिए बातचीत और समझौते का रास्ता खुल जाएगा। कुछ देश तो इसके लिए तैयार बैठ हैं, जैसे कि बांग्लादेश, जो चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रेडीमेड गारमेंट एक्सपोर्टर है। बांग्लादेश अब अमेरिका के विभिन्न कृषि उत्पादों, जिसमें कपास भी शामिल है, को ड्यूटी फ्री खरीदने की पेशकश कर रहा है, ताकि अमेरिका के कोप से बचा जा सके। खबर है कि कंबोडिया और वियतनाम भी समझौता करने पर विचार कर रहे हैं।
यूरोपीय यूनियन दोनों विकल्पों पर विचार कर रहा
यूरोपीय यूनियन ने अभी अपना रास्ता तय नहीं किया है। 27 देशों के यूरोपियन ब्लॉक के व्यापार मंत्री अमेरिका की नई व्यापार व्यवस्था पर अपनी प्रतिक्रिया पर चर्चा करने के लिए लक्ज़मबर्ग में एकत्र हुए थे। यूरोपीय संघ के अधिकारियों ने कहा है कि वे टैरिफ पर अमेरिका से लड़ने के बजाय बातचीत करना पसंद करेंगे, लेकिन साथ ही वे बदले की कार्रवाई समेत कुछ और उपायों पर भी काम कर रहे हैं।
भारत का स्टैंड
भारत ने अभी तक चुप्पी बनाए रखी है। सिर्फ इतना ही कहा गया है कि अमेरिकी टैरिफ आदेश की जांच की जा रही है। वैसे, संकेत हैं कि भारत ने बदले की कार्रवाई के बजाय बातचीत का विकल्प चुना है। बहरहाल, टैरिफ का बवाल किस दिशा में जाएगा अभी कुछ कहा नहीं जा सकता।