ग्वादर पोर्ट पर चीनी युद्धपोतों को तैनात करेगा पाक, भारत की बढ़ सकती हैं मुश्किलें

पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह पर चीनी नौसेना युद्धपोतों की तैनाती करेगी। रणनीतिक तौर पर अहम यह बंदरगाह चीन पाक आर्थिक गलियारे का हिस्सा है। पाकिस्तान की यह योजना भारत के लिए चिंताजनक हो सकती है। पाकिस्तान के एक नौसेना अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

Update: 2016-11-26 01:02 GMT

कराची: पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह पर चीनी नौसेना युद्धपोतों की तैनाती करेगी। रणनीतिक तौर पर अहम यह बंदरगाह चीन पाक आर्थिक गलियारे का हिस्सा है। पाकिस्तान की यह योजना भारत के लिए चिंताजनक हो सकती है। पाकिस्तान के एक नौसेना अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि गलियारे की सुरक्षा के लिए चीन ने पाकिस्तानी नौसेना के साथ मिलकर यह रणनीति तैयार की है।

गुलाम कश्मीर से होकर गुजरने वाले से इस गलियारे को लेकर भारत पहले ही अपनी चिंताओं से चीन को अवगत करा चुका है। 3000 किमी लंबा यह गलियारा पाकिस्तान के ग्वादर को चीन के शिनजियांग प्रांत से जोड़ता है। इसका निर्माण पूरा होने के बाद मिडिल ईस्ट एशिया और अफ्रीका तक चीन की पहुंच आसन हो जाएगी। इससे पहले चीन ने इस बंदरगाह पर पोतों की तैनाती से इंकार किया था।

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अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने एक नौसेना के हवाले से बताया है कि पाकिस्तान भी ग्वादर बंदरगाह पर स्पेशल स्क्वॉड्रन तैनात करेगा। एक स्क्वॉड्रन में चार से छह युद्धपोत होंगे। अधिकारी ने बताया कि अत्यंत तीव्र गति की यह पोतें जल्द लाई जाएंगी। इसके लिए चीन और तुर्की से बातचीत चल रही है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस गलियारे से चीन और पाकिस्तान की सैन्य क्षमता बढ़ेगी और अरब सागर में चीनी नौसेना की पहुंच आसन हो जाएगी। ग्वादर में नौसैनिक अड्डा होने से चीनी जहाज हिंद महासागर क्षेत्र में अपने बेड़े की मरम्मत और रखरखाव जैसे कार्य के लिए भी बंदरगाह का इस्तेमाल कर पाएंगे।

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