शी जिनपिंग की बड़ी तैयारी: अब करेंगे वफादारों की पहचान, छेड़ा 'शुद्धिकरण' कैंपेन

कम्युनिस्ट पार्टी (Communist Party) की ओर से गत 27 फरवरी को ऐलान किया गया है कि वह बहुप्रतीक्षित शुद्धिकरण अभियान छेड़ेगी। इस अभियान के तहत पार्टी और शी जिनपिंग के प्रति वफादार न होने वाले लोगों की पहचान करने का काम किया जाएगा।

Update: 2021-03-03 07:08 GMT
शी जिनपिंग की बड़ी तैयारी: अब करेंगे वफादारों की पहचान, छेड़ा 'शुद्धिकरण' कैंपेन

बीजिंग: चीन में आम जनता और सत्ता के शिखर पर बैठे लोगों के बीच गहरी खाई है, लेकिन राष्ट्रपति शी जिनपिंग (President Xi Jinping) इस खाई को भरने का काम करना चाहते हैं। इसके लिए वो माओ के व्यापक सफाई अभियान जैसी सुधार मुहिम चला रहे हैं। राष्ट्रपति अपने वरिष्ठ अधिकारियों से चीनी राजनीति की गंदगी को साफ कर उसका शुद्धिकरण करेन की अपील कर रहे हैं।

2023 में खत्म हो रहा जिनपिंग का कार्यकाल

हालांकि ये काम आसान नहीं होने वाला है। क्योंकि लगभग हर हफ्ते नए घपले सामने आने से चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी और आम जनता के बीच खाई बढ़ती जा रही है। दरअसल, जिनपिंग का कार्यकाल 2023 में खत्म होने वाला है, ऐसे में उन्होंने चीन की सत्ता पर पकड़ बनाए रखने के लिए शुद्धिकरण अभियान (Purification Campaign) चलाया है।

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(फोटो- सोशल मीडिया)

27 फरवरी को पार्टी ने किया था ये ऐलान

कम्युनिस्ट पार्टी (Communist Party) की ओर से गत 27 फरवरी को ऐलान किया गया है कि वह बहुप्रतीक्षित शुद्धिकरण अभियान छेड़ेगी। इस अभियान के तहत पार्टी और शी जिनपिंग के प्रति वफादार न होने वाले लोगों की पहचान करने का काम किया जाएगा। वहीं, कहा जा रहा है कि 1990 के बाद घरेलू सिक्योरिटी सिस्टम में चलाया जाने वाला यह सबसे बड़ा अभियान कहा है।

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माओ ने भी चलाया था ऐसा ही अभियान

अभियान में यह सुनिश्चित किया जाएगा पुलिस, सीक्रेट पुलिस, न्यायपालिका और जेलों जैसी एजेसिंयां सरकार के प्रति पूरी तरह वफादार और विश्वसनीय हैं या नहीं। कम्युनिस्ट पार्टी का शुद्धिकरण अभियान 1940 की शुरुआत में चले सुधार अभियान की तरह ही है। उस वक्त कम्युनिस्ट पार्टी के तत्कालीन नेता माओ ने व्यापक सफाई अभियान चलाया था। ये अहम है कि चीन में 1990 के बाद ऐसे ही एक और अभियान की आवश्यकता बताई जा रही थी।

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