चीन की आतंकी साजिश: राजधानी को बनाया निशाना, जासूसों ने किया खुलासा

पाकिस्तान का सगा-संबंधी बना चीन भी दुनियाभर में आंतक फैलाने की साजिश में लगा हुआ है। इस बात की पुष्टि अफगानिस्तान से हिरासत में लिए गए उसके जासूसों से हो गई है। ऐसे में हाल ही में अफगानिस्तान में एक चीनी जासूसों के नेटवर्क का खुलासा हुआ है।

Update:2020-12-25 11:54 IST
अफगानिस्तान से हिरासत में लिए गए उसके जासूसों से हो गई है। ऐसे में हाल ही में अफगानिस्तान में एक चीनी जासूसों के नेटवर्क का खुलासा हुआ है।

नई दिल्ली। पाकिस्तान जिस तरह आतंक फैलाने की होड़ में लगा हुआ है, उसी तरह पाकिस्तान का सगा-संबंधी बना चीन भी दुनियाभर में आंतक फैलाने की साजिश में लगा हुआ है। इस बात की पुष्टि अफगानिस्तान से हिरासत में लिए गए उसके जासूसों से हो गई है। ऐसे में हाल ही में अफगानिस्तान में एक चीनी जासूसों के नेटवर्क का खुलासा हुआ है, जिससे चीन की सारी असलियत पूरी दुनिया को पता चल गई है। अब चीन पूरी दुनिया के सामने शर्म से झुक गया है। राजधानी काबुल में एक 10 सदस्यीय चीनी मॉड्यूल का खुलासा किया है। ये चीनी मॉड्यूल एक आतंकी सेल का संचालन कर रहा था। इस बात की जानकारी राजनयिकों और सुरक्षा अधिकारियों ने दी है।

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राजधानी में आतंकी सेल

राजधानी काबुल और दिल्ली में इस मामले से वाकिफ लोगों ने कहा कि ये मामला बीजिंग के लिए एक बड़ी शर्मिंदगी के रूप में सामने आया है, जो अब इस मामले को छिपाने के लिए अशरफ गनी सरकार को मनाने की कोशिश कर रहा है। अफगानिस्तान ने 10 चीनी नागरिकों को पकड़ा है, जो काबुल में आतंकी सेल चला रहे थे और जासूसी कर रहे थे।

ऐसे में अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय(NDS) द्वारा जासूसी के आरोप और आतंकी सेल को चलाने के आरोप में हाल ही में गिरफ्तार किए गए 10 चीनी नागरिकों को चीन की जासूसी एजेंसी राज्य सुरक्षा मंत्रालय से जुड़ा माना जा रहा है। राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय(NDS) ने 10 दिसंबर को यह कार्रवाई शुरू की थी।

फोटो-सोशल मीडिया

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तालिबान का आतंकवादी समूह

बीते कई सालों में ऐसा ये पहली बार हुआ है कि जब चीनी नागरिक अफगानिस्तान में जासूसी करते पकड़े गए हैं। जब से अमेरिका ने अपने सैनिकों को वापस ले लिया है, तब से ही चीन की नजर तेजी से अपने प्रभाव के विस्तार पर है। इस बारे में काबुल के एक वरिष्ठ राजनयिक ने कहा कि 10 चीनी नागरिकों में से कम से कम दो हक्कानी नेटवर्क के संपर्क में थे, जो तालिबान का आतंकवादी समूह है।

वहीं राष्ट्रपति अशरफ गनी को चीनी जासूसों के पकड़े जाने के बारे में भी पुख्ता जानकारी दे दी गई है। लेकिन असरफ गनी ने इस मामले की संवेदनशीलता के मद्देनजर इस केस की जांच के निगरानी की जिम्मेदारी अफगान खुफिया एजेंसी के पूर्व प्रमुख और प्रथम उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह को दी है।

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