चीन का बड़ा राज: जमीन के नीचे छिपा रखी है मौत, सैटेलाइट तस्वीरों से हुआ खुलासा

भारत चीन सीमा विवाद में एक बड़ा और सनसनीखेज खुलासा हुआ है। दरअसल, चीन ने लद्दाख की राजधानी लेह से 250 किलोमीटर की दूरी पर अंडरग्राउंड मिसाइल स्टोरेज बना रखा है।

Update:2020-07-14 10:01 IST

लखनऊ: भारत चीन सीमा विवाद में एक बड़ा और सनसनीखेज खुलासा हुआ है। दरअसल, चीन ने लद्दाख की राजधानी लेह से 250 किलोमीटर की दूरी पर अंडरग्राउंड मिसाइल स्टोरेज बना रखा है। यहां चीनी सेना ने युद्ध के लिए अति आधुनिक मिसाइल छिपा कर रखी हैं।

चीन का अंडरग्राउंड मिसाइल स्टोरेज

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन का ये सीक्रेट मिसाइल स्टोरेज दक्षिणी शिनजियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट (SXJMD) के करीब है। इसकी स्थापना 1950 में हुई थी। बाद में इसे कई बार पुनर्गठित किया गया। आसपास के क्षेत्रों का सामान इस मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट में रखा जाता है।

लेह से 250 किलोमीटर दूर सीक्रेट स्टोरेज

बता दें कि लद्दाख के करीब अक्साई चिन 1950 और 1960 के दशक में जब चीन ने तिब्बत पर कब्जा किया था, तब दक्षिणी शिनजियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के अंतर्गत आ गया था।

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ट्रेनिंग बेस, अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की सुविधा

दक्षिणी शिनजियांग मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट को सैदुल्लाह मिलिट्री ट्रेनिंग एरिया भी कहा जाता है। ब्रिटिश शासन काल में ये क्षेत्र प्रस्तावित आर्डग जॉनसन लाइन के तहत भारत के दावे वाले जम्मू और कश्मीर का हिस्सा था। आपातकाल की स्थिति में ये इलाका, चीनी सेना को अतिरिक्त तैनाती उपलब्ध करने के लिए इस्तेमाल हो सकती है, क्योंकि ट्रेनिंग बेस भी मौजूद है। ये मिसाइल स्टोरेज काराकोरम पहाड़ों से तिब्बत को शिनजियांग से जोड़ने वाले हाइवे से करीब तीन से पांच किलोमीटर की दूरी पर है।

अंडरग्राउंड सुरंगे, बिजली आपूर्ति की फैसिलिटी

मिसाइल स्टोरेज में 14 अंडरग्राउंड सुरंगे हैं। एक जल स्त्रोत है, जिसके पश्चिम में 12 सुरंगें हैं जो संभवत: ऑपरेशनल मिसाइल का स्टोरेज है। वहीं पूर्वी दिशा में दो और सुरंगें है, जो कई सड़कों से जुड़ी हुई हैं। वहीं स्टोरेज की सुरंगों की बिजली आपूर्ति की फैसिलिटी में खंभे लगे हुए है। सुरंग के आसपास कई संकेतक और अन्य सुविधाएं बताती हैं कि यह फैसिलिटी कम से कम 24 मिसाइलों को स्टोर कर सकती है। इनमें उनके ट्रैक्टर-इरेक्टर लांचर और अन्य वाहन शामिल हैं।

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सपोर्ट वाहनों के लिए हाई-वे गैराज

सैटेलाइट तस्वीरों के विश्लेषण से पता चलता है कि इस स्टोरेज में कई अन्य सुविधाएँ दी गयी हैं। जैसे यहां हाई-वे गैराजों का एक बड़ा गैरीसन है। सपोर्ट वाहनों के लिए अन्य गैराज हैं। कम से कम आठ हाई-बे गैराज हैं। जिनका इस्तेमाल वाहनों की तैनाती से पहले उनकी चेकिंग के लिए होता है।

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हेलीपोर्ट सुविधा, 15-20 इमारतों का नया निर्माण

एक हेलीपोर्ट हैं, जो हाल ही में बनाया गया है। ये हेलीपोर्ट एयर डिफेन्स सपोर्ट को जोड़ने के लिए इस्तेमाल होता है। 2019 से यहां 15-20 इमारतों का नया निर्माण हो रहा है, जिसका इस्तेमाल भविष्य में अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती के लिए किया जा सकता है। एक बड़ा सोलर पैनल फार्म भी है जो अंडरग्राउंड फैसिलिटी और अन्य सपोर्ट सुविधाओं को बिजली की आपूर्ति के लिए है।

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