चीन ने अमेरिका को युद्ध के लिए तैयार रहने की दी धमकी, ड्रैगन से सतर्क हुए देश

अमेरिका अब चीन का दुश्मन बनता जा रहा है। ऐसे में सोमवार को चीनी विदेश मंत्रालय ने अमेरिका को आगाह किया है कि अमेरिका को ताइवान में दखलअंदाजी बंद करना चाहिए।

Update: 2020-12-29 05:14 GMT
अमेरिका के राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन ने चीन को सतर्क किया था कि वह ताइवान का बलपूर्वक विलय करने की कोशिश बिल्‍कुल नहीं करे।

बीजिंग। चीन ने एक बार फिर से अमेरिका का चेतावनी दी है। ताइवान को लेकर अमेरिका अब चीन का दुश्मन बनता जा रहा है। ऐसे में सोमवार को चीनी विदेश मंत्रालय ने अमेरिका को आगाह किया है कि अमेरिका को ताइवान में दखलअंदाजी बंद करना चाहिए। दरअसल सोमवार को अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने जब ताइवान कानून 2020 पर हस्‍ताक्षर किया, तो उसके बाद ही चीन का ये बयान सामने आया है। जिसकी वजह से चीन और अमेरिका ताइवान को लेकर आमने-सामने आ गए हैं।

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युद्ध के लिए तैयार

ऐसे में चीन की सरकारी मीडिया ग्‍लोबल टाइम्‍स के संपादक हु शिजिन ने अपने एक लेख में लिखा था कि यदि ताइवान अमेरिका के साथ कूटनीतिक संबंध बनाए रखता है तो चीन को पूरी तरह से युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए। बता दें, चीन किसी भी देश के ताइवान के साथ स्‍वतंत्र संबंध स्‍थापित करने को लेकर कड़ी आपत्ति जाहिर करता है।

इस पर चीन ने कहा है कि यदि अमेरिका ताइवान को हथियार बेचने की योजना पर आगे बढ़ता है तो वह उचित और जरूरी जवाब देगा। इसी मुद्दे पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि ताइवान को 60 करोड़ डॉलर मूल्य के सैन्य ड्रोन की बिक्री चीन के आंतरिक मामलों में घोर हस्तक्षेप है और चीन की संप्रभुता व सुरक्षा हितों की गंभीर अनदेखी है।

फोटो-सोशल मीडिया

बीते दिनों अमेरिका के राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन ने चीन को सतर्क किया था कि वह ताइवान का बलपूर्वक विलय करने की कोशिश बिल्‍कुल नहीं करे। साथ ही अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि ताइवान पर हमला करना बेहद मुश्किल साबित होगा। ताइवान पर किसी भी संभावित हमले के समय चीन को अमेरिका के कड़े प्रतिरोध का सामना करना होगा।

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सैन्य तरीके से दखल देगा या नहीं

इस पर अमेरिका के अधिकारी से सवाल किया गया कि यदि चीन स्वशासित ताइवान को सैन्य तरीके से अपने में मिलाने का फैसला करता है तो अमेरिका क्या करेगा ? तो अमेरिका के अधिकारी ने कहा कि इसे लेकर अभी साफ तौर कुछ नहीं कहा जा सकता है।

दरअसल अमेरिका ताइवान को अपनी सुरक्षा करने के लिए हथियार उपलब्ध कराता रहा है। लेकिन उसने ये कभी स्पष्ट नहीं किया है कि चीन के हमले की स्थिति में वो सैन्य तरीके से दखल देगा या नहीं।

वहीं अमेरिकी सुरक्षा सलाहकार ब्रायन ने ताइवान से मांग की कि वो अपना रक्षा बजट बढ़ाए। आगे उन्‍होंने कहा कि ताइवान अपने सैन्य सुधार लाने की कोशिश करे, जिससे चीन की तरफ से होने वाले किसी हमले को रोका जा सके।

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