Chinese Spy Ship: भारत के विरोध को दरकिनार कर श्रीलंका पहुंचा चीन का जासूसी जहाज, सैटेलाइट-मिसाइल ट्रैक करने में सक्षम

Chinese Spy Ship: चीनी स्पाई शिप युआन वांग-5 सैटेलाइट और इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइलों को ट्रैक करने में सक्षम है। यह करीब 750 किलोमीटर दूरी तक आसानी से निगरानी कर सकता है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update: 2022-08-16 07:47 GMT

श्रीलंका पहुंचा चीन का 'जासूसी जहाज (photo: social media )

Chinese Spy Ship: भारत की आपत्ति के बावजूद चीनी स्पाई शिप युआन वांग-5 श्रीलंका के हंबनटोटो बंदरगाह पहुंचने में कामयाब रहा। भारत ने इसे लेकर श्रीलंका के सामने सख्त विरोध दर्ज कराया था और चीनी जहाज को हंबनटोटो न आने देने की मांग की थी। लेकिन इसके बावजूद श्रीलंका सरकार ने इसे आने की अनुमति दे दी। ये स्पाई शिप 16 अगस्त से 22 अगस्त तक हंबनटोटो बंदरगाह पर रहेगा। लिहाजा भारतीय नौसेना अलर्ट पर है।

चीनी स्पाई शिप युआन वांग-5 सैटेलाइट और इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइलों को ट्रैक करने में सक्षम है। यह करीब 750 किलोमीटर दूरी तक आसानी से निगरानी कर सकता है। हंबनटोटा बंदरगाह से तमिलनाडु के कन्याकुमारी की दूरी करीब 451 किलोमीटर है। यही वजह है कि भारत की चिंता बढ़ गई है। जहाज के हर मुवमेंट पर इंडियन नेवी की पैनी नजर है।

भारत के लिए क्यों है टेंशन की बात

युआन वांग-5 सैन्य नहीं बल्कि एक ताकतवर ट्रैकिंग जहाज है, जिसे ड्रैगन ने साल 2007 में बनाया था। चीन इसका इस्तेमाल समुद्र से अपने विरोधियों की जासूसी करने के लिए करता है। यह अपनी आवाजाही कब शुरू करते हैं जब चीन या अन्य कोई देश मिसाइल टेस्ट कर रहा होता है। इस जहाज में 400 के करीब क्रू मेंबर्स हैं। इसमें पैराबोलिक ट्रैकिंग एंटीना और कई सेंसर्स लगे हैं।

श्रीलंका भारत के दक्षिणी हिस्से से काफी करीब है। तमिलनाडु से इसकी दूरी महज कुछ किलोमीटर की है। ऐसे में हंबनटोटा बंदरगाह पर ऐसे ताकतवर जासूसी जहाज के आने से दक्षिण भारत में मौजूद भारत के कई संवेदनशील ठिकाने इसकी जद में आ जाएंगे। इस जहाज की पहुंच यहां मौजूद सैन्य अड्डे और परमाणु ठिकाने तक होगी। साथ ही दक्षिण भारतीय राज्यों के कई बंदरगाह भी इसके रडार पर होंगे। कुछ रक्षा विशेषज्ञों का भी मानना है कि चीन भारत के दक्षिणी राज्यों में मौजूद नौसेना के अड्डों और कलपक्कम, कुडनकुलम जैसे परमाणु संयंत्रों की जासूसी के लिए इसे श्रीलंका भेजा है।

चीनी आर्मी का हिस्सा है ये जहाज – अमेरिकी रक्षा विभाग

अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने भी युआन वांग-5 को लेकर भारत को अलर्ट किया है। पेंटागन के रिपोर्ट के मुताबिक, इस स्पाई शिप को चीनी सेना यानी पीएलए ऑपरेट करती है। यह पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) को स्पेश, सायबर, इलेक्ट्रॉनिक, इंफॉर्मेशन, कम्युनिकेशन और साइकोलॉजिकल वारफेयर मिशन में मदद करती है।

दरअसल ड्रैगन लगातार भारत को चारों तरफ से घेरने की कोशिश कर रहा है। तीन ओर समुद्र और एक तरफ जमीन से घिरे भारत को घेरने के लिए चीन ने इसके पड़ोसी देशों में बंदरगाहों का निर्माण किया है और कुछ में काम जारी है। पाकिस्तान का ग्वादर पोर्ट और श्रीलंका का हंबनटोटा उसके इसी रणनीति का हिस्सा है। इसके अलावा पूर्व में बंगाल की खाड़ी में वह बांग्लादेश स्थित चटगांव बंदरगाह को वित्तपोषित कर रहा है और म्यांमार के क्यौकप्यू शहर में नए बंदरगाह के निर्माण का कार्य शुरू करने जा रहा है। कर्ज जाल में धंसे श्रीलंका ने पहले ही हंबनटोटा बंदरगाह चीन को 99 साल के लीज पर दे दिया है। अन्य देशों की आर्थिक सेहत भी इसी नक्शेकदम पर है। यही वजह है कि भारत की समुद्री सीमा के पास बढती चीनी गतिविधि भारत के लिए चिंता का सबब है।

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