कंडोम है बैन: यहां नहीं होता बर्थ कंट्रोल, चोरी से होता है इस्तेमाल

नॉर्थ कोरिया में में कंडोम प्रति प्रतिबंधित होने के कारण इसको लोग चोरी-छिपे देश में लाते हैं। लोग ऊंचे दामों पर कंडोम की ब्लैक मार्केटिंग करते हैं। यहां तक कि बीते कुछ सालों से ये सबसे ज्यादा लेने और देने जाने वाला गिफ्ट आयटम बन चुका है।

Update:2020-05-25 16:56 IST

नई दिल्ली: जब बात परिवार नियोजन की होती है तो कई तरह के तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है। और सरकार की तरफ से भी परिवार नियोजन की बातें कही जाती है। परिवार नियोजन का मुख्य उद्देश्य होता है कि देश की जनसंख्या बढ़ने से रोकना। कंडोम, परिवार नियोजन के उद्देश्य को पूरा करने के लिए एक साधन है। लगभग हर देश में दवा की दुकान पर मिल जाता है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि कंडोम नॉर्थ कोरिया में बैन है।

इस देश में बर्थ कंट्रोल के सारे तरीकों पर देश में पाबंदी

नॉर्थ कोरिया में में कंडोम प्रति प्रतिबंधित होने के कारण इसको लोग चोरी-छिपे देश में लाते हैं। लोग ऊंचे दामों पर कंडोम की ब्लैक मार्केटिंग करते हैं। यहां तक कि बीते कुछ सालों से ये सबसे ज्यादा लेने और देने जाने वाला गिफ्ट आयटम बन चुका है। नार्थ कोरिया का के तानाशाह किम जोंग ने बर्थ कंट्रोल के सारे तरीकों पर देश में पाबंदी लगाई हुई है ताकि उत्तर कोरिया ज्यादा से ज्यादा आबादी वाला सोशलिस्ट देश बन सके। यही वजह है कि यहां न तो कंडोम बनता है और न ही कंडोम की बिक्री होती है।

बताया जाता है कि दूसरे देशों से लाने की कोशिश पर लोगों को कस्टम पर ही पकड़ लिया जाता है, तब कंडोम तो जब्त होते ही हैं, भारी जुर्माना भी लगता है। यही वजह है कि यौन रोगों से बचाव के लिए या अवांछित प्रेगनेंसी से बचाव के लिए लोग तस्करी के जरिए आने वाली सप्लाई पर निर्भर हैं। वैसे साल 1985 मेंने यहां पर फैमिली प्लानिंग सर्विस की बात शुरू की लेकिन इसका कोई खास फायदा नहीं हुआ।

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ताकि दोनों का ही यौन रोगों से बचाव हो सके

एक रिपोर्ट के मुताबिक बर्थ कंट्रोल के साधन के रूप में कंडोम यहां काफी पसंद किया जाता है, भले ही वो ज्यादा कीमत पर तस्करी से मिल सके। नॉर्थ कोरिया में सेक्स वर्करों की बहुतायत के कारण भी यहां पर कंडोम की जरूरत को बढ़ाती है। वे खुद क्लाइंट्स से मांग करती हैं कि वे अपने साथ कंडोम लेकर आएं ताकि दोनों का ही यौन रोगों से बचाव हो सके।

वैसे बर्थ कंट्रोल के तरीके ही नहीं, इस देश में काफी सारी चीजों के लिए अजीबोगरीब नियम हैं। जैसे यहां के लोग नीली जींस नहीं पहन सकते। जींस का ये रंग यहां बैन है क्योंकि इससे किंग जोंग को अमेरिकन साम्राज्यवाद की बू आती है। अमेरिका से नॉर्थ कोरिया के खास दोस्ताना संबंध नहीं और ये देश मानता है कि किसी भी तरह से अमेरिकी सभ्यता या संस्कृति का असर यहां नहीं आना चाहिए।

आईएसडी कॉल पर भी है प्रतिबन्ध

इसी तरह से यहां पर आप इंटरनेशनल कॉल भी नहीं कर सकते। सेल फोन तो लगभग सबके पास है लेकिन उससे आईएसडी कॉल नहीं लगाया जा सकता। देश के सारे ही सिम कार्ड सिर्फ देश के भीतर ही बात करने की सुविधा देते हैं। एमनेस्टी इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट के अनुसार लगभग सारे ही देशों को नॉर्थ कोरिया संदेह की नजर से देखता है और लोगों पर नजर रखने के लिए यहां कम्युनिकेशन सिस्टम पर खासी सख्ती रखी गई है।

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मोबाइल भी चीन से तस्करी की जाती है

केवल देश के कुछ खास लोगों और तानाशाह के परिवार को देश से बाहर बात करने की इजाजत है। अगर नॉर्थ कोरिया का कोई नागरिक इंटरनेशनल कॉल करने की कोशिश करता भी दिखे तो उसे सख्त सजा मिलती है। तब फिर दूसरे देशों में रह रहे अपने लोगों से कोरियन लोग कैसे बात करते हैं? इसके लिए लोगों को चीन से आए तस्करी के मोबाइल फोन पर निर्भर करना होता है, जिसकी सिम से वे इंटरनेशनल कॉल कर पाते हैं।

परिवार की पूरी तीनी पीढ़ियों को सजा मिलती है

जिस तरह से बाहरी दुनिया से बातचीत बैन है, वैसे ही बाहरी दुनिया से मेलजोल पर सख्त कड़ाई है। उत्तर कोरियाई लोग घूमने-फिरने के लिए विदेश नहीं जा सकते हैं। यहां के नागरिकों के लिए इंटरनेशनल फ्लाइंग बैन है। अगर किसी तरह से कोई देश से निकल भागने में कामयाब हो जाए तो उसे सरकारी नियमों के तहत भगोड़ा घोषित कर दिया जाता है और विदेश गए व्यक्ति के परिवार की पूरी तीनी पीढ़ियों को सजा मिलती है।

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सजा के तौर पर उन्हें रिफॉर्म कैंप या डिटेंशन कैंपों में भेज दिया जाता है

जी हां, ये भी इस देश का एक खास तरीका है, जिसके तहत कथित तौर पर गलती करने वाले के घर की तीन पीढ़ियों को सजा दी जाती है। सजा के तौर पर उन्हें रिफॉर्म कैंप या डिटेंशन कैंपों में भेज दिया जाता है। तीन पीढ़ियों के सजा काटने के बाद ही अपराध खत्म माना जाता है। ये ट्रैवल रेस्ट्रिक्शन बाहरी देशों के लिए ही लागू नहीं होता, किम जोंग के राज में लोग अपने स्टेट से दूसरे स्टेट भी नहीं जा सकते। यहां एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए सरकार से लिखित में अनुमति लेनी होती है।

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