करोड़ों चूहों का खात्मा: लिया गया बड़ा फैसला, कोविड-19 में हो रहा घातक बदलाव
जानवरों में पाए जाने वाले कोविड-19 संक्रमण में हुए बदलावों को लेकर डेनमार्क में 17 मिलियन चूहों को मारने का फैसला किया गया है। डेनमार्क सरकार इंसानों में कोविड-19 संक्रमण फैलने के बाद चूहों को खत्म करेगी।
कोपेनहेगन: पूरी दुनिया बीते कई महीनों से कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है। इस बीच खबर है कि कोरोना वायरस हर दिन अपना रूप बदल रहा है और अब इसमें घातक बदलाव हो रहा है। ऐसे में डेनमार्क एक करोड़ 70 लाख चूहों को मारने की योजना बना रहा है। दरअसल, जानवरों में पाए जाने वाले कोविड-19 संक्रमण में हुए बदलावों को लेकर देश में 17 मिलियन चूहों को मारने का फैसला किया गया है।
कोविड-19 संक्रमण फैलने के बाद चूहों के खात्मे का फैसला
अब डेनमार्क सरकार इंसानों में कोविड-19 संक्रमण फैलने के बाद चूहों को खत्म करेगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिकसेन ने गुरुवार को कहा कि स्वास्थ्य अधिकारियों ने इंसानों और चूहों में कोरोना के कुछ लक्षण पाए हैं, जो कि एंटीबॉडी के प्रति संवेदनशीलता में कमी को दर्शाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी अपनी जनता के प्रति बड़ी जिम्मेदारी है, लेकिन कोरोना में पाए गए बदलाव के साथ हमारी बाकी दुनिया के लिए भी बड़ी जिम्मेदारी है।
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WHO भी करेगा जांच
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) से जुड़े माइक रयान के मुताबिक, इंसानों की पूर्ण पैमाने पर वैज्ञानिक जांच के लिए बुलाया गया। चीन में कोविड-19 संक्रमित चूहों से इंसानों में यह वायरस भेज दिया गया है। वहीं WHO के अन्य अधिकारी ने अपने एक बयान में कहा कि डेनमार्क में कई लोगों के चूहों से कोरोना संक्रमित पाए जाने की खबर मिली है, जिसमें कोविड-19 में कुछ आनुवंशिक बदलाव हुए हैं।
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डेनमार्क में मारे जाएंगे 17 मिलियन चूहे
डेनमार्क के अधिकारियों ने बताया कि नए कोरोना वायरस के मिंक फार्म में पांच मामले और इंसानों में 12 मामले सामने आए थे। वहीं देश में करीब 15 से 17 करोड़ के आसपास चूहे हैं। वहीं जानवरों में पाए जाने वाले कोरोना वायरस संक्रमण में हुए बदलावों को लेकर देश में 17 मिलियन चूहों को मारने का फैसला किया गया है।
इस फैसले पर आरहस यूनिवर्सिटी में वेटरनरी एंड वाइल्डलाइफ मेडिसिन के प्रोफेसर क्रिश्चियन सोन ने कहा है कि सावधानी के तौर पर चूहों के झुंड को खत्म करना एक अच्छा फैसला है। इससे भविष्य में होने वाले प्रकोप पर काबू पाया जा सकता है। नहीं तो इस पर नियंत्रण करना मुश्किल हो जाएगा।
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