हवा में फैलते वायरस से ऐसे करें बचाव, विशेषज्ञों ने दिया ये सुझाव

हवा के जरिए कोरोना वायरस के फैलने की संभावना ज्यादा है। इसके बचाव एक्सपर्ट द्वारा बताए गए हैं।

Report By :  Network
Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-04-18 02:14 GMT

हवा में फैलता वायरस (फोटो-सोशल मीडिया) 

नई दिल्ली: तेजी से फैलते संक्रमण का एक कारण वायरस का हवा में फैलने भी बताया गया है। इस बारे में एक स्टडी में बताया गया है कि क्यों हवा के जरिए कोरोना वायरस के फैलने की संभावना ज्यादा है। ऐसे में इसके हवा से फैलने को लेकर आशंका लोगों के बीच बैठ गई है। जिससे लोगों में खौफ का माहौल छाया हुआ है। मैरीलैंड स्कूल ऑफ मेडिसिन के डॉ. फहीम यूनुस का कहना है कि लांसेट की स्टडी के बाद चिंता की कोई बात नहीं है।

ऐसे में डॉ. फहीम का कहना है कि 'हमें पता है कि कोविड बूंदों से लेकर हवा तक से फैलता है।' जिसके लिए कपड़े के मास्क पहनना बंद कर दें। 'दो N95 या KN95 मास्क खरीदें। एक मास्क एक दिन इस्तेमाल करें। इस्तेमाल करने के बाद इसे पेपर बैग में रख दें और दूसरा इस्तेमाल करें। हर 24 घंटे पर ऐसे ही मास्क अदल-बदल कर पहनें। अगर इन्हें कोई नुकसान न पहुंचे तो हफ्तों तक इनका इस्तेमाल किया जा सकता है।'

डर को ऐसे करें दूर

इस बारे में डॉ. फहीम ने साफ किया है, 'हवा से वायरस फैलने का मतलब यह नहीं है कि हवा संक्रमित है। इसका मतलब है कि वायरस हवा में बना रह सकता है, इमारतों के अंदर भी और खतरा पैदा कर सकता है।' उनका कहना है कि बिना मास्क के सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पार्क और बीच अभी भी सबसे सुरक्षित हैं।

हवा में वायरस के फैसले पर हुई स्टडी में बताया गया है कि वायरस के सुपरस्प्रेडर इवेंट महामारी को तेजी से आगे ले जाते हैं। साथ ही इसमें कहा गया है कि ऐसे ट्रांसमिशन का हवा (aerosol) के जरिए होना ज्यादा आसान है बजाय बूंदों के। वहीं ऐसे इवेंट्स की ज्यादा संख्या के आधार पर इस ट्रांसमिशन को अहम माना जाता सकता है। क्वारंटीन होटलों में एक-दूसरे से सटे कमरों में रह रहे लोगों के बीच ट्रांसमिशन देखा गया, बिना एक-दूसरे के कमरे में गए।


संक्रमित मरीज को करना होगा ये

लोगों में पैदा हो रहे डर को लेकर डॉक्टर फहीम ट्विटर पर लोगों की परेशानियां कुछ हद तक दूर करने की कोशिशों में लगे हुए हैं। डॉ. फहीम ने बताया है कि लोग कुछ बातों का पालन करें तो घर पर ही वह इन्फेक्शन को हरा सकते हैं। उन्होंने दावा किया है कि घर पर ही सही तरीके से रहने से 80-90% लोग ठीक हो सकते हैं।

ऐसे में हो सके तो हर रोज तापमान, सांस की गति, पल्स और बीपी नापें। इसमें ज्यादातर स्मार्टफोन्स में पल्स ऑग्जिमेंट्री ऐप होता है। अगर इसमें ऑग्ज 90 के नीचे हो या बीपी 90 सिस्टोलिक के नीचे जाए, तो डॉक्टर से बात करें। इसमें 60-65 की उम्र में हाई बीपी, मोटाबे, मधुमेह झेल रहे लोगों को कोरोना का खतरा ज्यादा होता है।

इसके साथ ही डॉ. फहीम ने बताया कि सबसे पहले इन्फेक्शन होने पर खुद को 14 दिन के लिए अलग कर लें। और अलग कमरे में रहे, अलग बाथरूम का इस्तेमाल करें और अपने बर्तन भी अलग कर लें। यदि एक ही कमरा हो तो मोटे पर्दे या स्क्रीन ने बीच में दीवार खड़ी करें और उसके पीछे रहे हैं। इसके साथ ही अगर बाथरूम एक ही हो तो जाने से पहले फेसमास्क पहनें और इस्तेमाल के बाद पूरा सर्फेस साफ करें। वहीं अगर रूम शेयर कर रहे हैं तो स्टीम, नेबुलाइजर, सीपैप शेयर न करें।

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