Coronavirus New Variant in India : कई देशों में लॉकडाउन के संकेत, कोरोना के डर से क्रूड ऑयल में ऐतिहासिक गिरावट

Coronavirus New Variant in India : आगामी दो दिसंबर को आर्गनाइजेशंस आफ द पेट्रोलियम एक्सपोर्ट कंट्रीज (OPEC) के सदस्य देशों की बैठक होने वाली है, जहां तेल के उत्पादन को लेकर आगे की रणनीति तय की जाएगी।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2021-11-27 17:01 GMT

Coronavirus New Variant in India : कोरोना वायरस के नए वेरियंट ओमीक्रोन ने दुनियाभर में दहशत की लहर पैदा कर दी है और बाजारों पर उसका असर पड़ गया है। अब क्रूड ऑयल यानी कच्चे तेल के दामों में ऐतिहासिक गिरावट आ गई है।

कोरोना वायरस के नए वेरियंट के चलते इंटरनेशनल आवागमन पर रोक लग गई है और कई देशों में लॉकडाउन लगाए जाने के संकेत हैं। इसी डर की वजह से ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम एक दिन में 12 फीसदी गिर कर 73 डॉलर प्रति बैरल पर स्थिर हो गए हैं।

अपने भंडारण से तेल की खपत करने का फैसला

दूसरी तरफ आगामी दो दिसंबर को आर्गनाइजेशंस आफ द पेट्रोलियम एक्सपोर्ट कंट्रीज (ओपेक) के सदस्य देशों की बैठक होने वाली है, जहां तेल के उत्पादन को लेकर आगे की रणनीति तय की जाएगी। भारत, अमेरिका, जापान, कोरिया, चीन जैसे देशों ने कच्चे तेल के दाम को कम करने के लिए अपने भंडारण से तेल की खपत करने का फैसला किया है।

फोटो- सोशल मीडिया

हालांकि ओपेक ने प्रोडक्शन न बढ़ाने की बात कही थी लेकिन अब उसकी नजर बी कोरोना के नए वैरिएंट पर होगी और उसे ध्यान में रखते हुए ही वह प्रोडक्शन के बारे में अपना फैसला लेगा। नए वैरिएंट से एक बार फिर से वैश्विक अर्थव्यवस्था के प्रभावित होने की आशंका पैदा हो गई है, जिससे पेट्रोल व डीजल की खपत कम हो सकती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम कम होने पर घरेलू स्तर पर पेट्रोल व डीजल की उत्पादन लागत कम होने में 10-15 दिनों का समय लगता है।

एक पहलू ये भी है कि ओपेक कोरोना के बहाने प्रोडक्शन न बढ़ाने के अपने फैसले पर कायम रहे। ओपेक ने बीते एक साल में प्रोडक्शन नहीं बढ़ाया है जबकि इकॉनमी में रिकवरी के लिए कई देश ओपेक देशों से तेल प्रोडक्शन बढ़ाने की गुहार लगा चुके हैं लेकिन ओपेक अपनी बात पर ही अड़ा हुआ है। इसी अड़ियलपन और दादागीरी के खिलाफ आपात भंडारों का तेल रिलीज़ करने का फैसला हुआ है।

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