मुशर्रफ़ को मिली मौत: सजा से पाकिस्तान को लगा तगड़ा झटका

बता दें कि मुशर्रफ मार्च 2016 से दुबई में रह रहे हैं। वह संविधान को भंग करने और 2007 में आपात शासन लगाने के मामले में राजद्रोह के आरोपों का सामना कर रहे हैं। 76 वर्षीय मुशर्रफ उपचार के लिए दुबई गए थे लेकिन तब से सुरक्षा और स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर नहीं लौटे थे।

Update:2019-12-17 12:53 IST
Pervez Musharraf

लाहौर: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री परवेज मुशर्रफ को राजद्रोह मामले में पाकिस्तान के विशेष अदालत ने सजा ए मौत करार दिया है। इससे पहले इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने विशेष अदालत को फैसला सुनाने से रोकने का आदेश दिया था। विशेष अदालत ने पिछले महीने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

बता दें कि मुशर्रफ मार्च 2016 से दुबई में रह रहे हैं। वह संविधान को भंग करने और 2007 में आपात शासन लगाने के मामले में राजद्रोह के आरोपों का सामना कर रहे हैं। 76 वर्षीय मुशर्रफ उपचार के लिए दुबई गए थे लेकिन तब से सुरक्षा और स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर नहीं लौटे थे।

ये भी पढ़ें—पूर्व राष्ट्रपति की बड़ी अपील! लोकसभा सदस्यों को लेकर पीएम मोदी से कही ये बात

मुशर्रफ के वकीलों ने शनिवार को याचिका दायर की जिसमें लाहौर उच्च न्यायालय से कहा गया है कि विशेष अदालत में सुनवाई पर तब तक रोक लगाई जाए जब तक कि उच्च न्यायालय पहले से लंबित याचिका पर फैसला न दे दे। उल्‍लेखनीय है कि मुशर्रफ पर तीन नवंबर 2007 को अतिरिक्‍त संवैधानिक आपातकाल लागू करने के आरोप भी हैं।

2013 में दर्ज हुआ था राजद्रोह का मुकदमा

पाकिस्‍तान की पीएमएल-एन सरकार ने उनके खिलाफ साल 2013 में यह मामला दर्ज किया था। इस मामले की सुनवाई विशेष अदालत की जस्टिस वकार अहमद सेठ की अध्‍यक्षता वाली तीन सदस्‍यीय ट्रिब्‍यूनल ने की।

कौन हैं परवेज़ मुशर्रफ़?

परवेज़ मुशर्रफ़ का जन्म 11 अगस्त 1943 को हुआ था। यह पाकिस्तान के राष्ट्रपति और सेना प्रमुख रह चुके हैं। इन्होंने साल 1999 में नवाज़ शरीफ की लोकतान्त्रिक सरकार का तख्ता पलट कर पाकिस्तान की बागडोर संभाली और 20 जून, 2001 से 18 अगस्त 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे। अप्रैल से जून 1999 तक भारत और पाकिस्तान के बीच हुए कारगिल युद्ध के दौरान मुशर्रफ़ ही पाकिस्तान के सेना-प्रमुख थे।

अक्टूबर 1999 में नवाज़ शरीफ़ ने जब मुशर्रफ़ को उनके पद से हटाने की कोशिश की तो मुशर्रफ़ के प्रति वफ़ादार जनरलों ने शरीफ़ का ही तख्ता पलट करके सरकार पर कब्जा कर लिया। मई 2000 में पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि पाकिस्तान में चुनाव कराए जाएं। मुशर्रफ़ ने जून 2001 में तत्कालीन राष्ट्रपति रफीक़ तरार को हटा दिया व खुद राष्ट्रपति बन गए।

ये भी पढ़ें—भूकंप से हिला शहर: थर-थर कांपी धरती, दहशत में लोग घरों से निकले

मुशर्रफ़ के शासन के दौरान भारत पर उग्रवादी हमले बढ़े, लेकिन बाद में दोनों देशों के बीच शान्ति की बात-चीत भी आगे बढ़ी थी। 2005 में परेड पत्रिका ने मुशर्रफ़ को दुनिया के 10 सबसे बुरे तानाशाहों की सूची में शामिल किया। 24 नवम्बर 2007 को उन्होने सेना प्रमुख का पद त्याग दिया तथा असैन्य राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी।

Tags:    

Similar News