Corona mRNA Vaccine: कोरोना की एमआरएनए वैक्सीन से जान को खतरा

Corona mRNA Vaccine: अमेरिका के फ्लोरिडा सर्जन जनरल डॉ. जोसेफ ए लाडापो ने लोगों को सलाह दी है कि वे कोरोना की एमआरएनए वैक्सीन न लगवाएं क्योंकि इनसे हृदय संबंधी मौतों का जोखिम बढ़ता है।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2022-10-10 17:03 IST

Corona mRNA vaccine। (Social Media)

Corona mRNA vaccine: एक चौंकाने वाले बयान में अमेरिका के फ्लोरिडा सर्जन जनरल डॉ. जोसेफ ए लाडापो (US Florida Surgeon General Dr. Joseph A. Ladapo) ने लोगों को, विशेष रूप से 18 से 39 वर्ष की आयु के पुरुषों को, सलाह दी है कि वे कोरोना की एमआरएनए वैक्सीन न लगवाएं क्योंकि इनसे हृदय संबंधी मौतों का जोखिम बढ़ता है।

इन रोगों के लोगों को बरतनी चाहिए विशेष सावधानी: डॉ लाडापो

डॉ लाडापो ने कहा कि खासकर उन लोगों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए जिनको पहले से कोई हृदय रोग है जैसे कि मायोकार्डिटिस और पेरिकार्डिटिस। उन्होंने एक अध्ययन का हवाला देते हुए इस तरह के टीकों के उपयोग के खिलाफ सिफारिश की।

एमआरएनए टीकाकरण के बाद हृदय संबंधी मृत्यु की सापेक्ष घटनाओं में 84 फीसदी की हुई वृद्धि

फ्लोरिडा का डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ अपने द्वारा किये गए विश्लेषण के बाद वैक्सीन संबंधित इस नतीजे पर पहुंचा है। विश्लेषण में पाया गया कि एमआरएनए टीकाकरण के बाद 28 दिनों के भीतर 18-39 वर्ष के पुरुषों में हृदय संबंधी मृत्यु की सापेक्ष घटनाओं में 84 फीसदी की वृद्धि हुई है। कोरोना के प्रति वैश्विक प्रतिरक्षा के उच्च स्तर के चलते इस आयु वर्ग के पुरुषों में हृदय संबंधी मृत्यु के असामान्य रूप से उच्च जोखिम से टीकाकरण का लाभ अधिक होने की संभावना है। गैर-एमआरएनए टीकों में ये बढ़े हुए जोखिम नहीं पाए गए।

सर्जन जनरल डॉ जोसेफ लाडापो ने कहा कि टीकों सहित किसी भी दवा की सुरक्षा और प्रभावकारिता का अध्ययन सार्वजनिक स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण घटक है। सुरक्षा पर बहुत कम ध्यान दिया गया है और कई व्यक्तियों की चिंताओं को खारिज कर दिया गया है, ये महत्वपूर्ण निष्कर्ष हैं जिन्हें लोगों को सूचित किया जाना चाहिए।

भारत की दोनों वैक्सीन एमआरएनए आधारित नहीं हैं

भारत में कोवैक्सीन और कोविशील्ड, दोनों ही वैक्सीनें एमआरएनए आधारित नहीं हैं। ये दोनों निष्क्रिय वायरस पर आधारित हैं।

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