Cryptocurrency News: इंडोनेशिया में मुस्लिमों के लिए क्रिप्टो हराम

Cryptocurrency News: इंडोनेशिया में नेशनल उलेमा काउंसिल ने क्रिप्टोकरेंसी को हराम घोषित किया है और इसके लिए तर्क दिया गया है कि इसमें अनिश्चितता, सट्टेबाजी और नुकसान पहुँचाने वाले तत्व हैं।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Chitra Singh
Update:2021-11-12 09:59 IST

क्रिप्टोकुरेंसी -मुसलमान (डिजाइन फोटो- सोशल मीडिया)

Cryptocurrency News: क्रिप्टोकरेंसी के बारे में आये दिन कोई न कोई नया शिगूफा छोड़ ही दिया जाता है और इस क्रम में सबसे लेटेस्ट (cryptocurrency latest news) ये है कि इसे मुस्लिमों (Muslims) के लिए हराम (Cryptocurrency Forbidden) करार दिया गया है।

इंडोनेशिया में नेशनल उलेमा काउंसिल (National Ulema Council) ने क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency indonesia) को हराम घोषित किया है और इसके लिए तर्क दिया गया है कि इसमें अनिश्चितता, सट्टेबाजी और नुकसान पहुंचाने वाले तत्व हैं। धार्मिक फतवा जारी करने वाली काउंसिल के प्रमुख असरोरून नियाम शोलेह ने कहा है कि काउंसिल ने एक्सपर्ट्स की बात सुनी है। उन्होंने कहा कि अगर क्रिप्टोकरेंसी एक वस्तु या डिजिटल संपत्ति की तरह शरिया नियमों का पालन करती है और इसके स्पष्ट लाभ दीखते हैं तो इसे ट्रेड किया जा सकता है।

दुनिया में मुस्लिमों की सबसे ज्यादा आबादी इंडोनेशिया में है और यहाँ की नेशनल उलेमा काउंसिल को देश शरिया का अनुपालन कराने का अधिकार है। इंडोनेशिया का वित्त मंत्रालय और केन्द्रीय बैंक इस्लामी वित्तीय मसलों पर काउंसिल की राय लेते हैं और उसी के अनुरूप चलते हैं। वैसे तो इंडोनेशिया की सरकार क्रिप्टो का समर्थन करती है और किसी अन्य कमोडिटी की तरह इसके ट्रेड की भी अनुमति है। सरकार का इरादा इस साल के अंत तक क्रिप्टो आधारित एक्सचेंज (cryptocurrency exchange) स्थापित करने का भी है। लेकिन सरकार ने क्रिप्टो को एक करेंसी की तरह इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी है क्योंकि देश में सिर्फ रुपया ही एकमात्र वैधानिक मुद्रा है।

क्रिप्टोकरेंसी (फोटो- सोशल मीडिया) 

नेशनल उलेमा काउंसिल के निर्णय का मतलब ये नहीं है कि इंडोनेशिया में सभी तरह की क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग बंद हो जायेगी लेकिन इतना जरूर है कि इस फतवे के चलते मुस्लिम समुदाय क्रिप्टो में निवेश करने से अलग हट जाए। यही नहीं, स्थानीय संस्थान भी क्रिप्टो से हाथ खींच सकते हैं। जिस तरह भारत में रिज़र्व बैंक है, उसी तरह इंडोनेशिया में बैंक इंडोनेशिया काम करता है। इस केंद्रीय बैंक की योजना एक डिजिटल करेंसी लाने की है। इस फतवे का बैंक की योजना पर क्या असर होगा, ये देखने वाली बात होगी। इंडोनेशिया में क्रिप्टो लेनदेन काफी लोकप्रिय है और इस साल जनवरी से मई तक 26 अरब डालर के क्रिप्टो लेनदेन हुए थे।

इंडोनेशिया के उलेमाओं ने भले ही क्रिप्टो को हराम करार दिया है लेकिन अन्य इस्लामी देशों में इस बारे में अलग राय है।मिसाल के तौर पर यूनाइटेड अरब अमीरात ने दुबई फ्री जोन में क्रिप्टो ट्रेडिंग की इजाजत दे रखी है। जबकि बहरीन ने तो 2019 से ही क्रिप्टो का समर्थन किया हुआ है। पाकिस्तान में तो क्रिप्टोकरेंसी का बोलबाला है और इसकी ट्रेडिंग में बीते एक साल में 711 फीसदी इजाफा हुआ है। सऊदी अरब में भी क्रिप्टो ट्रेडिंग होती है और कई एक्सचेंज यहाँ चल रहे हैं।

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