जानें क्यों साधारण सा दिखने वाला ये लैपटॉप 9 करोड़ में हुआ नीलाम?

सैमसंग मॉडल का यह लैपटॉप विंडोज एक्सपी के एसपी 3 ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करता है। खास बात यह है कि लैपटॉप के लिए एक वेबसाइट भी है। इसमें लैपटॉप को 24 घंटे लगातार ब्रॉडकास्ट किया जाता है।

Update:2019-05-31 17:21 IST

वाशिंगटन: अमेरिका के न्यूयॉर्क में हुई नीलामी में बिल्कुल साधारण सा दिखने वाला एक लैपटॉप 10 लाख पाउंड (करीब 9 करोड़ रुपये) में नीलाम हुआ है। यह लैपटॉप कोई आम डिवाइस नहीं है, इसमें छह खतरनाक वायरस हैं, जो दुनिया को करीब 6.64 लाख करोड़ का नुकसान पहुंचा चुके हैं।

लैपटॉप में फीड खतरनाक डिजिटल वायरस की वजह से यह दुनिया भर में लोकप्रिय हुआ था। लैपटॉप में करीब छह वायरस फीड हैं। इन छह वायरसों में वॉना क्राई रैनसमवेयर वायरस भी शामिल है। वॉना क्राई वही वायरस है, जिसकी वजह से वर्ष 2017 में यूके के नेशनल हेल्थ सर्विस (स्वास्थ्य सेवाएं) पूरी तरह ठप हो गई थी।

इतना ही नहीं इससे 74 देशों के कंप्यूटर खराब हो चुके हैं। इसके अलावा लैपटॉप में आई लव यू, माई डूम, डार्क टकीला, सो बिग और ब्लैक एनर्जी वायरस भी फीड हैं।

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24 घंटे ब्रॉडकास्ट होता है

सैमसंग मॉडल का यह लैपटॉप विंडोज एक्सपी के एसपी 3 ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करता है। खास बात यह है कि लैपटॉप के लिए एक वेबसाइट भी है। इसमें लैपटॉप को 24 घंटे लगातार ब्रॉडकास्ट किया जाता है।

वैक्यूम में रखा जाता है

यह लैपटॉप कितना खतरनाक है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसों और केबल्स से अलग वैक्यूम में रखा जाता है। इसके इंटरनेट और कनेक्टिविटी पोर्ट्स (यूएसबी और नेटवर्क सॉकेट) को भी बंद रखा जाता है ताकि वायरस कभी लैपटॉप से निकल न पाएं।

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आर्ट पीस के तौर पर नीलाम

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लैपटॉप खरीदने वाले व्यक्ति के नाम का खुलासा नहीं किया गया। नीलामी में डिवाइस की बोली एक कला के नमूने के तौर पर लगी। दरअसल, इस लैपटॉप में वायरस को इंस्टाल करने वाले गुओ ओ डॉन्ग इसे वायरस से भरा आर्ट पीस ही बनाना चाहते थे। उन्होंने इसका नाम ‘परसिस्टेंस ऑफ केओस’ रखा था।

लैपटॉप यूजर्स के लिए खतरा नहीं

गुओ ओ डॉन्ग ने साइबर सिक्यॉरिटी कंपनी डीप इंस्टिंक्ट के साथ मिलकर इस लैपटॉप को तैयार किया। डीप इंस्टिंक्ट ने इस लैपटॉप के लिए वायरस सप्लाई किए थे। कंपनी का दावा है कि ये वायरस यूजर्स के लिए किसी तरह से खतरा पैदा नहीं करेंगे।

इसके लिए प्रर्याप्त कदम उठाए गए हैं। कंपनी ने इस लैपटॉप को एयर-गैप्स’ मोड में रखा है। इसमें यूएसबी, वाईफाई, लैन कनेक्टिविटी नहीं दी गई है। यानी इसे खरीदने वाला यूजर इस लैपटॉप को इंटरनेट से कनेक्ट नहीं कर सकता है। इसलिए इसमें मौजूद खतरनाक वायरस इसी लैपटॉप में रहेंगे और दूसरे नेटवर्क में सर्कुलेट नहीं हो सकेंगे।

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