बीजिंग : चीन ने बुधवार को एक बार फिर कहा कि भारतीय सेना डोकलाम से पीछे हट जाए और सिक्किम क्षेत्र में सीमा विवाद के समाधान के लिए यह अब भी पूर्व शर्त है।
बीजिंग ने भारतीय विदेश सचिव एस. जयशंकर की यह टिप्पणी खारिज कर दी कि भारत और चीन के बीच अतीत में भी सीमा पर मतभेद पैदा हुए हैं, जो सुलझाए गए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि भारतीय जवानों का डोकलाम में दाखिल होना भारत व चीन के बीच 'अपरिभाषित सीमा क्षेत्रों में टकराव' से अलग है।
गेंग ने कहा कि डोकलाम में जो हुआ वह एक विवाद है।
जयशंकर ने मंगलवार को सिंगापुर में ली कुआन यू स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी में एक व्याख्यान के दौरान कहा था कि 'मतभेद विवाद नहीं बनना चाहिए।'
गेंग ने कहा, "सिक्किम क्षेत्र की एक खास ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है और यह भारत व चीन के बीच एकमात्र परिभाषित सीमा है। यह पूर्व, मध्य व पश्चिम भाग की अपरिभाषित सीमा से पूरी तरह अलग है।"
उन्होंने कहा, "साल 1890 के कन्वेंशन के अनुसार, सिक्किम क्षेत्र को चीन व भारत दोनों से मान्यता प्राप्त है और यह कन्वेंशन दोनों देशों के लिए प्रभावी है।"
उन्होंने कहा, "हम एक बार फिर भारत से अपनी सेना को अपने क्षेत्र में वापस बुलाने और इस विवाद को जल्द से जल्द सुलझाने की अपील करते हैं।"