अमेरिका ने लिया ये बड़ा फैसला, भारतीयों को लगा तगड़ा झटका

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा सस्पेंड करने की घोषणा की है। ट्रंप के इस फैसले से भारत समेत दुनिया के तमाम देशों के आईटी प्रोफेशनल्स को एक बड़ा झटका लगा है।

Update: 2020-06-23 05:04 GMT

वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा सस्पेंड करने की घोषणा की है। ट्रंप के इस फैसले से भारत समेत दुनिया के तमाम देशों के आईटी प्रोफेशनल्स को एक बड़ा झटका लगा है। वहीं यह साल के अंत तक वैध रहेगा। बता दें कि दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका भी कोरोना वायरस के चलते पस्त हो चुका है। महामारी के चलते देश में बेरोजगारी का काफी बड़ा संकट है। जिस वजह से अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह फैसला लिया है। ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों के मुताबिक, अमेरिकी श्रमिकों के हित के लिए यह फैसला लिया गया है।

अमेरिकी श्रमिकों की हित के लिए लिया गया फैसला

डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को कहा कि यह उन अमेरिकी नागरिकों की सहायता के लिए आवश्यक था, जिनकी नौकरी मौजूदा आर्थिक संकट के चलते चली गई। बता दें कि रिपोर्ट्स के मुताबिक, बेरोजगारी की दर 3 फीसदी से बढ़ 14 फीसदी तक पहुंच गई है। वहीं ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनावों से पहले ये फैसला करते हुए तमाम व्यापारिक संगठनों, कानूनविदों और मानवाधिकार निकायों द्वारा आदेश के बढ़ते विरोध को दरकिनार कर दिया है। गौरतलब है कि अमेरिका में नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं।

24 जून से लागू होगा वीजा का निलंबन

वीजा का निलंबन 24 जून से लागू होगा। इस निलंबन से सबसे ज्यादा नुकसान भारत को होगा। इस फैसले से तमाम भारतीय आईटी पेशेवरों प्रभावित होंगे। उन्हें अब स्टैम्पिंग से पहले कम से कम साल के अंत तक इंतजार करना होगा। H-1B वीजा का रिन्यू चाहने वाले भारतीय आईटी पेशेवरों को भी यह फैसला प्रभावित करेगा।

लाखों के सपनों को लगा बड़ा झटका

इस फैसले के एलान के बाद अब कोई भी व्यक्ति बाहर से आकर अमेरिका में काम नहीं कर सकता है। जब तक यह निलंबन जारी रहेगा। इससे उन लोगों के सपने को धक्का लग सकता है, जो अमेरिका में जाकर नौकरी करने का सपना देखते हैं। हालांकि अमेरिका में पहले से ही जिनके पास ये वीजा है, उन पर इस फैसले का कोई असर नहीं होगा। बता दें कि अमेरिकी सरकार की तरफ से H-1B वीजा विदेशी टेक्नोलॉजी प्रोफेशनल्स को दिया जाता है, जिनमें बड़ी संख्या में भारतीय शामिल हैं। इस वीजा को एक तय अवधि के लिए जारी किया जाता है।

क्या होता है H-1B वीजा ?

H-1B वीजा एक गैर-प्रवासी वीजा होता है। इस वीजा से अमेरिका में कार्यरत कंपनियां ऐसे कुशल कर्मचारियों को रखती हैं, जिनकी अमेरिका में कमी हो। इसकी वैलिडिटी छह साल तक होती है। इस वीजा को हासिल करने वालों में सबसे अधिक भारतीय आईटी प्रोफेशनल्‍स होते हैं।

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