Earthquake: रूस में 7 तीव्रता का भूकंप, अमेरिका ने जारी की सुनामी की चेतावनी

Earthquake: भूकंप सुबह सात बजे के ठीक बाद आया। इसका केंद्र पेट्रोपावलोव्स्क-कामचत्स्की शहर से लगभग 90 किलोमीटर पूर्व में कामचटका प्रायद्वीप के पानी में लगभग 50 किलोमीटर (30 मील) की गहराई पर आया।

Update:2024-08-18 07:47 IST

Earthquake in Russia (photo: social media )

Earthquake: रूस में रविवार सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिएक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7 माफी गई है। इसका केंद्र सुदूर-पूर्वी कामचटका प्रायद्वीप का तट रहा। भूकंप से अभी किसी तरह के नुकसान की कोई जानकारी सामने नहीं आई है। वहीं भूकंप की तीव्रता 7 देखते हुए अमेरिका ने सुनामी की चेतावनी जारी की है।

संयुक्त राज्य भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण के अधिकारियों के अनुसार, रूस में भूकंप सुबह सात बजे के ठीक बाद आया। इसका केंद्र पेट्रोपावलोव्स्क-कामचत्स्की शहर से लगभग 90 किलोमीटर पूर्व में कामचटका प्रायद्वीप के पानी में लगभग 50 किलोमीटर (30 मील) की गहराई पर आया।

क्यों आता है भूकंप?

पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स अधिक टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ जाते हैं। वहीं जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं जिससे नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और इसी डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।

क्या है भूंकप के केंद्र और तीव्रता का मतलब?

भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं, जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन अधिक होता है। कंपन की आवृत्ति जैसे-जैसे दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव भी वैसे ही कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।

कैसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता और क्या है मापने का पैमाना?

भूंकप को रिक्टर स्केल से मापा जाता है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।

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