EU Targets Russian oil: ईयू ने रूसी तेल पर प्रतिबंध लगाया, दाम और उछले
EU Targets Russian oil: यूरोपीय संघ की आयुक्त, उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा है कि प्रस्तावित प्रतिबंध समुद्री और पाइपलाइन दोनों मार्गों से परिष्कृत उत्पादों सहित सभी आयातों को टारगेट करेंगे।
EU Targets Russian oil: यूरोपीय (European) संघ द्वारा रूसी तेल पर प्रतिबंध लगाने के कदम के बाद कच्चे तेल की कीमतों में तेजी जारी है। डब्ल्यूटीआई क्रूड की कीमतों में रातोंरात लगभग 4% की वृद्धि हुई, जबकि ब्रेंट क्रूड की कीमतों में भी इसी तरह की चाल देखी गई।
यूरोपीय संघ की आयुक्त, उर्सुला वॉन डेर लेयेन (Ursula von der Leyen) ने कहा है कि प्रस्तावित प्रतिबंध समुद्री और पाइपलाइन दोनों मार्गों से परिष्कृत उत्पादों सहित सभी आयातों को टारगेट करेंगे। कुछ महीने पहले पूर्ण आयात प्रतिबंध को लगभग अस्थिर स्थिति के रूप में देखा गया था।
उधर, अमेरिका में डीजल उत्पाद भंडारण दामों में एक और तेजी का कारण बन रहा है। एनर्जी इंफॉर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन (ईआईए) ने 29 अप्रैल को समाप्त सप्ताह के लिए डिस्टिलेट फ्यूल भंडार में 2.3 मिलियन बैरल की गिरावट दर्ज की, जिससे भंडार लेवल 5 साल के औसत से 22 फीसदी कम हो गया। यह निकट अवधि में शिपिंग लागत को अधिक बढ़ा सकता है और इससे मुद्रास्फीति प्रभावित हो सकती है।
ऐसे समय में ओपेक + के सदस्यों की आज होने वाली बैठक में तेल उत्पादन में वृद्धि पर सहमति हो सकती है। तेल उत्पादक देशों की चिंता चीन में कोरोना प्रतिबंधों के चलते तेल की घटी मांग को लेकर है। 4 मई को क्रूड ऑयल (crude oil) की कीमतें फिर बढ़ गईं और ब्रेंट नॉर्थ सी क्रूड 110 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर बंद हुआ। ये ढाई सप्ताह में इसका उच्चतम स्तर है। लेकिन विश्लेषकों ने कहा है कि नया उछाल सऊदी अरब के नेतृत्व वाले पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन ओपेक के 13 सदस्यों और मॉस्को के नेतृत्व में उनके 10 सहयोगियों को टस से मस नहीं करेगा। पिछले महीनों की तरह, तेल कार्टेल के जून के लिए प्रति दिन 432,000 बैरल पर बने रहने की संभावना है।
चीन का असर
चीन 2020 के वसंत के बाद से अपने सबसे खराब कोरोना वायरस प्रकोप से जूझ रहा है। बीजिंग में बुधवार को दर्जनों मेट्रो स्टेशनों को बंद कर दिया गया और निवासियों को डर है कि उनका शहर बंद हो जाएगा, जैसा कि पहले से ही ढाई करोड़ लोगों के साथ देश के सबसे बड़े शहर शंघाई में चल रहा है। विश्लेषकों के अनुसार चीन में धीमी गतिविधि की वजह से तेल सप्लाई पर निश्चित रूप से असर पड़ेगा।