बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक: 50 आतंकियों पर आसमान से गिरे बम, हो गए टुकड़े-टुकड़े
अमेरिका पर 26/11 के हमले के बाद से अफ्रीका में अल कायदा ने अपना विस्तार करना शुरू किया और कई देशों में जिहादी ठिकाने बना दिए हैं। चूँकि अफ्रीका के बड़े हिस्से पर किसी ज़माने में फ़्रांस का कंट्रोल हुआ करता था
नई दिल्ली: यूरोप में बढ़ते आतंकवाद के बीच फ्रांस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पश्चिमी अफ़्रीकी देश माली में बम बरसा दिए जिसमें अल कायदा के 50 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं। माली और आसपास के इलाकों में फ़्रांस लम्बे समय से आतंकवाद से संघर्ष कर रहा है। १९वीं शताब्दी में माली फ़्रांस का उपनिवेश हुआ करता था। 1960 में माली एक स्वतंत्र देश घोषित हुआ लेकिन तभी से माली में अलग अलग गुटों में काफी संघर्ष चल रहा है और इसी का नतीजा है कि यहाँ आतंकी वारदातें बहुत हुईं हैं। पिछले महीने आतंकियों ने एक स्विस नागरिक का अपहरण करके उसका मर्डर कर दिया था। माली में आतंकी कई फ़्रांसिसी नागरिकों का भी अपहरण कर चुके हैं जिनको कई महीने कब्जे में रखने के बाद छोड़ा गया था।
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अल कायदा का विस्तार
अमेरिका पर 26/11 के हमले के बाद से अफ्रीका में अल कायदा ने अपना विस्तार करना शुरू किया और कई देशों में जिहादी ठिकाने बना दिए हैं। चूँकि अफ्रीका के बड़े हिस्से पर किसी ज़माने में फ़्रांस का कंट्रोल हुआ करता था सो फ़्रांस की मौजूदगी अब भी अफ्रीका में किसी न किसी रूप में है और अफ्रीकी देशों के नागरिकों का फ़्रांस में काफी अप्रवासन हुआ है। फ़्रांस में जो इस्लामी आतंकवाद पनप रहा है उसमें अल कायदा, आईएसआईएस, आदि ने इन्हीं अप्रवासी लोगों को इस्तेमाल किया है। माली की बात करें तो यहाँ काफी आन्तरिक उथल पुथल है। बीते 18 अगस्त 2020 को देश में तख्ता पलट हुआ है जिसमें देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को गिरफ्तार कर लिया गया।
बड़ी कार्रवाई
माली में मंगलवार को आतंकवादी संगठन अल-कायदा पर बड़ी कार्रवाई करते हुए उसके ठिकानों पर हवाई हमले किए। इसमें 50 से अधिक आतंकवादी ढेर हो गए। फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने बताया कि फ्रांस के विशेष बलों ने इस अभियान का ब्योरा दिया है।
पार्ली ने ट्वीट कर कहा कि तीस अक्तूबर को बरखाने सुरक्षा बलों ने इसको लेकर अभियान चलाया था। हमले के दौरान आतंकियों के उपकरण और हथियारों को जब्त कर लिया गया। उन्होंने बताया कि आतंकवादी संगठन को यह एक तगड़ा झटका है।
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फ़्रांस का अभियान
फ्रांस ने वर्ष 2014 में साहेल क्षेत्र में आतंकवादियों से लड़ने के लिए ऑपरेशन बरखाने चलाया था। इस अभियान को 2017 में जी5 साहेल की स्थापना द्वारा दोबारा शुरू किया गया। जी5 गुट में अफ्रीकी संघ द्वारा समर्थित 5000 मजबूत समूह बुर्किना फासो, चाड, माली, मॉरिटानिया और नाइजर शामिल हैं।
पार्ली इस समय माली की राजधानी बमाको में हैं, जहां पर वह अंतरिम सरकार के प्रमुख से बात करेंगी। उल्लेखनीय है कि अगस्त में माली के राष्ट्रपति का सेना ने तख्ता पलट कर दिया था। पार्ली ने माली में यथाशीघ्र लोकतांत्रिक चुनाव कराने का आह्वान किया और कहा कि मौजूदा नेतृत्व ने इसका भरोसा दिया है।
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