आतंकी हमले का जश्‍न: बहुत गलत हो रहा देश में, साजिश को इकट्ठा हो रहे जिहादी

फ्रांस के नीस शहर में चर्च के पास चाकू से हमला कर तीन लोगों की निर्मम हत्या के मामले में और सऊदी अरब में फ्रांसीसी वाणिज्‍य दूतावास के गार्ड पर चाकू से हमले पर ऑनलाइन में ज‍िहादियों ने टूटकर जश्‍न मनाया है।

Update:2020-10-30 13:16 IST
नीस शहर में चाकू से हमला करने वाले शख्स को लेकर खुलासा हुआ है। तीन लोगों की हत्या करने वाली ये आतंकी मूल रूप से ट्यूनीशिया का मूल निवासी था।

पेरिस: गुरुवार को फ्रांस के नीस शहर में चर्च के पास चाकू से हमला कर तीन लोगों की निर्मम हत्या के मामले में और सऊदी अरब में फ्रांसीसी वाणिज्‍य दूतावास के गार्ड पर चाकू से हमले पर ऑनलाइन में ज‍िहादियों ने टूटकर जश्‍न मनाया है। ऐसे में आतंकियों पर अपनी पैनी नजर रखने वाली संस्‍था साइट (SITE) की डायरेक्‍टर रिता कट्ज ने बताया कि जिहादियों ने फेसबुक और ट्विटर पर अपनी खुशी का खुलकर इजहार किया। उन्‍होंने इसे फ्रांस के अभिव्‍यक्ति की आजादी के जवाब में 'ऐक्‍शन की स्‍वतंत्रता' करार दिया।

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फ्रांसीसी टीचर का सिर कलम किए जाने पर बवाल

साइट की डायरेक्टर रिता कट्ज ने कहा, 'ये नए हमले ऐसे समय पर हुए हैं जब ज‍िहादी मीडिया फ्रांस और उसके कार्टूनिस्‍टों की निंदा करने लिए व्‍यापक अभियान चलाया हुआ है।' नीस पर हमले की अभी तक किसी भी गुट ने जिम्‍मेदारी नहीं ली है लेकिन यह हमला ऐसे समय पर हुआ है जब फ्रांस और मुस्लिम देशों के बीच फ्रांसीसी टीचर का सिर कलम किए जाने पर बवाल मचा हुआ है।

साथ ही साइट ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि जिहादी नीस और सऊदी अरब से हमले की खबर पर कुछ ज्‍यादा ही खुश नजर आए। इससे पहले आईएसआईएस और अलकायदा ने फ्रांसीसी टीचर की हत्‍या पर और ज्‍यादा हमलों का आह्वान किया था।

इसके अलावा इन हमलों पर राष्ट्रपति इम्मैन्युअल मैक्रों ने कहा है कि फ्रांस 'फिर से इस्‍लामिक आतंकी हमले का शिकार' हुआ है। उन्होंने कहा कि फ्रांस पर हमला देश के आजादी के मूल्य और आतंक के सामने नहीं झुकने की इच्छा की वजह से किया गया है।

फोटो-सोशल मीडिया

और तो और उन्होंने ये तक कहा है कि फ्रांस इस्लामिक आतंकी हमले के बाद अपने मूल्यों को छोड़ेगा नहीं। नीस में हुए हमले के बाद मैक्रों गुरुवार को यहां पहुंचे और ऐलान किया कि फ्रांस अब देश के प्रमुख स्थानों पर सैनिकों को तैनात करेगा।

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धर्मनिरपेक्ष परंपराओं और कानूनों का पालन

इन प्रमुख स्थानों में स्कूल और धार्मिक स्थान शामिल होंगे। वहीं सैनिकों की संख्या तीन हजार से बढ़ाकर सात हजार कर दी जाएगी। इससे पहले मैक्रों ने पेरिस में मारे गए टीचर सैम्युअल पैटी का समर्थन किया था और देश में अभिव्यक्ति की आजादी सुनिश्चित करने की बात कही।

राष्ट्रपति इम्मैन्युअल मैक्रों ने कहा था कि फ्रांस अपनी धर्मनिरपेक्ष परंपराओं और कानूनों का पालन करता रहेगा जिनमें अभिव्यक्ति की आजादी सुनिश्चित की गई है। इसके जरिए शार्ली एब्दो को भी पैगंबर मोहम्मद का कार्टून बनाने की आजादी मिलती है जिससे यह बवाल शुरू हुआ था।

आगे मैक्रों ने बताया था कि एक बिल अगले साल की शुरुआत में संसद में भेजा जाएगा जिसमें इस्लामिक अलगाववाद से निपटने का प्रावधान होगा। उन्होंने कहा था कि दुनियाभर में इस्लाम संकट का सामना कर रहा है।

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