Germany: महंगाई से जंग, जर्मनी में न्यूनतम वेतन में भारी बढ़ोतरी

Germany: जर्मन सरकार ने न्यूनतम वेतन में अच्छी बढ़ोतरी कर दी है जिससे जर्मनी में 62 लाख कामगारों को फायदा होगा।

Report :  Neel Mani Lal
Update:2022-06-05 14:20 IST

जर्मनी में न्यूनतम वेतन में भारी बढ़ोतरी (फोटो- सोशल मीडिया)

Germany: यूक्रेन युद्ध, तेल की कीमतों और अन्य कारणों से छाई महंगाई और मुद्रास्फीति से लड़ने के ये जर्मन सरकार ने न्यूनतम वेतन में अच्छी बढ़ोतरी कर दी है जिससे जर्मनी में 62 लाख कामगारों को फायदा होगा। जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ ने अपने चुनाव अभियान में न्यूनतम वेतन को एक महत्वपूर्ण मुद्दा बनाया था। इसी क्रम में सांसद ने न्यूनतम वेतन को बढ़ाकर 1 अक्टूबर से 12 यूरो (करीब एक हजार रुपये) प्रति घंटा कर दिया है। ये प्रति घंटे 182 रुपये की वृद्धि है।

श्रम मंत्री ह्यूबर्टस हील के अनुसार, वृद्धि का मतलब 1,700 यूरो की मासिक आय वाले लोगों के लिए प्रति माह 400 यूरो अतिरिक्त होगा। जर्मन संसद के निचले सदन बुंडेस्टाग में मतदान से पहले हील ने कहा कि लिगों के बटुए में ये एक उल्लेखनीय अंतर है। चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ ने एक ट्वीट में कहा - हमारे देश के कई नागरिक बहुत काम करते हैं लेकिन कम कमाते हैं - इसे बदलना होगा। मेरे लिए ये सबसे महत्वपूर्ण कानूनों में से एक और सम्मान का सवाल है।"

विरोध भी हुआ

न्यूनतम वेतन बढ़ाने के लिए विधेयक के पक्ष में 400, विरोध में 41 वोट पड़े। जबकि 200 ने वोटिंग से परहेज किया। इनमें मुख्य रूप से क्रिश्चियन डेमोक्रेट यूनियन और क्रिश्चियन सोशल यूनियन का विपक्षी ब्लॉक था। इनके नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि वे न्यूनतम वेतन बढ़ाने के खिलाफ नहीं हैं लेकिन जिस तरह से ये विधेयक लाया गया है वह गलत है।

जर्मनी ने 2015 में स्कोल्ज़ के केंद्र-वाम सोशल डेमोक्रेट्स के आग्रह पर राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन की शुरुआत की थी जो उस समय रूढ़िवादी पूर्व चांसलर एंजेला मर्केल की सरकार में भागीदार थे।

जर्मनी में न्यूनतम वेतन की सिफारिश आम तौर पर एक आयोग द्वारा की जाती है जिसमें नियोक्ताओं और कर्मचारियों दोनों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। राजनेता इन सिफारिशों के आधार पर कानून बनाते हैं। लेकिन इस नई वृद्धि के लिए, सरकार ने आयोग को दरकिनार कर दिया और 12 यूरो की वृद्धि खुद तय कर दी, यह कहते हुए कि आयोग भविष्य में वृद्धि का निर्धारण करेगा।

कुछ नियोक्ताओं ने वृद्धि की आलोचना करते हुए तर्क दिया कि सरकार मुआवजे के स्तर को निर्धारित करने के लिए नियोक्ताओं, कर्मचारियों और यूनियनों के बीच लंबे समय से स्थापित वार्ता में हस्तक्षेप कर रही है। हालांकि, यूनियनों और राजनेताओं ने उस आलोचना को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि 12 यूरो पर निर्धारित न्यूनतम वेतन जर्मनी में गरीबी को कम करेगा।

किसे मिलता है न्यूनतम वेतन

जर्मनी के न्यूनतम वेतन में देश के अधिकांश श्रमिक शामिल हैं जिनकी आयु 18 वर्ष से अधिक है। इसमें मौसमी श्रमिक शामिल हैं, चाहे वे कहीं से भी हों।नियम के कई अपवाद हैं - प्रशिक्षु, नौकरी-पदोन्नति योजनाओं में भाग लेने वाले श्रमिक, श्रम बाजार में फिर से प्रवेश करने के बाद पहले छह महीनों में लंबे समय तक बेरोजगार लोग और स्व-नियोजित व्यक्ति न्यूनतम मजदूरी कानून द्वारा कवर नहीं किए जाते हैं।

वर्तमान राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन 9.82 यूरो है, जिसमें जुलाई में पहले से ही तय 10.45 यूरो की वृद्धि होनी है। न्यूनतम वेतन आयोग जनवरी 2023 और जून 2023 में संभावित भावी वृद्धि के स्तरों पर निर्णय करेगा।

जर्मनी, यूरोपीय संघ में सबसे अधिक न्यूनतम मजदूरी देने वाले देशों में से एक है। लक्जमबर्ग में एक पूर्णकालिक कर्मचारी 2,257 यूरो, आयरलैंड में 1,775 यूरो, नीदरलैंड में 1,725 यूरो और बेल्जियम में 1,658 यूरो कमाता है।वर्तमान दर से जर्मनी में एक कर्मचारी एक महीने में 1,621 यूरो कमाता है।

कई यूरोपीय संघ के देशों - जैसे डेनमार्क, इटली, ऑस्ट्रिया, साइप्रस, फिनलैंड और स्वीडन - का कोई राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन नहीं है। वे अपनी मजदूरी निर्धारित करने के लिए यूनियनों और व्यक्तिगत क्षेत्रों पर भरोसा करते हैं। लेकिन वहां भी न्यूनतम वेतन में बदलाव होता रहता है।

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