सरकार पैसे बाँट रही: महंगाई की मार से बचाने के लिए जर्मन का नया तरीका, इन योजनाओं को भी जाने

अब जर्मनी की सरकार ने नागरिकों को एकमुश्त ‘ऊर्जा भत्ता’ देने का फैसला किया है।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Vidushi Mishra
Update: 2022-03-24 16:22 GMT

जर्मन सरकार (फोटो-सोशल मीडिया)

Germany: यूक्रेन संकट और अन्य वजहों के चलते तेल के दाम काफी ज्यादा बढ़ चुके हैं और ये हाल सिर्फ भारत का ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया का है। ऐसे में अलग अलग देशों की सरकारें अपने नागरिकों को रहत देने के लिए अतिरिक्त उपाय कर रही हैं। न्यूजीलैंड में पब्लिक ट्रांसपोर्ट का किराया आधा कर दिया गया है ताकि लोग अपनी कारों की बजाये पब्लिक ट्रांसपोर्ट का लाभ उठायें।

अब जर्मनी की सरकार ने नागरिकों को एकमुश्त 'ऊर्जा भत्ता' देने का फैसला किया है। इसके तहत श्रमिक वर्ग तथा लोअर और मिडिल क्लास के लोगों को 300 यूरो यानी 25 हजार रुपये से ज्यादा दिया जाएगा। सरकार ने कहा है कि जरूरतमंद लोगों को त्वरित और गैर-नौकरशाही राहत प्रदान करनी चाहिए।

जर्मन सरकार ने कहा है कि जो लोग इनकम टैक्स के दायरे में हैं उनको वेतन के पूरक के रूप में 300 यूरो के एकमुश्त ऊर्जा भत्ते का भुगतान किया जाएगा। अपने मूल प्रस्तावों में जर्मनी की सत्तारूढ़ सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ने 2023 के टैक्स रिटर्न के माध्यम से इस रकम का भुगतान करने की परिकल्पना की थी, लेकिन इससे जिससे उपभोक्ताओं की जेब में दो साल तक पैसा नहीं पहुँच पाता। अब सरकार ने अपना निर्णय बदल दिया है और महंगाई से संघर्षरत परिवारों को पैसा जारी करने के लिए तेजी से काम शुरू कर दिया है।

अब जो भत्ता दिया जा रहा है वह 200 यूरो (16755 रुपये) की एकमुश्त राशि के अतिरिक्त है। ये रकम सामाजिक कल्याण भुगतान जैसे आवास लाभ और हार्त्ज़-4 लाभ प्राप्त करने वाले लोगों को भुगतान करने के लिए निर्धारित किया गया है। हार्त्ज़-4 एक जर्मन सोशल वेलफेयर योजना है जिसमें बेरोजगारों तथा आर्थिक समस्या से ग्रस्त लोगों को मदद दी जाती है।

सरकार एकमुश्त भत्ते के अलावा लोगों को रहत पहुंचाने के लिए और भी उपायों की भी योजना बना रहा है। इसके तहत प्रति बच्चे 100 यूरो का 'चाइल्ड बोनस' देने की स्कीम पर कम किया जा रहा है। सरकार ने कोरोना की विकट स्थिति के दौरान ऐसे कई कदम उठाये थे और लोगों को आर्थिक राहत दी थी।

सार्वजनिक परिवहन

आर्थिक रूप से परेशान कार चालकों को ग्रीन ट्रासंपोर्ट विकल्पों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के प्रयास में केवल 9 यूरो की कीमत पर 90-दिन का अपब्किक ट्रांसपोर्ट टिकट देने की भी योजना है। जर्मनी की ग्रीन पार्टी के नेता रिकार्डा लैंग ने कहा है कि जर्मनी में बस और ट्रेन लेना शायद इतना सस्ता कभी नहीं रहा होगा। सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी, ग्रीन पार्टी और एफडीपी के गठबंधन ने एक बैठक की है जिसमें प्रत्येक पक्ष को खुश करने के उपायों का एक पैकेज तैयार किया गया। सबसे विवादास्पद योजनाओं में से एक को वित्त मंत्री क्रिश्चियन लिंडनर (एफपीडी) द्वारा सामने रखा गया जिसके तहत पेट्रोल कीमत में छूट का प्रस्ताव था लेकिन इसे अंतिम पैकेज में शामिल नहीं किया गया।

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