हवाई विमानों को भारी नुकसान, काम कर रहे 2.5 करोड़ लोगों की जाएगी नौकरी
दुनियाभर में विमानन सेक्टर में काम कर रहे 2.5 करोड़ लोगों की नौकरी जाएगी। 35 हजार करोड़ रुपये से एक लाख करोड़ रुपये तक की गिरावट इंटरनेशनल ट्रैफिक में आ सकती है।
नई दिल्ली। दुनियाभर में कोरोना वायरस संक्रमण से सभी काम ठप पड़े है। लॉकडाउन में सभी अपने-अपने घरों में है, इस दौरान सबकी गाड़ियां उनके घरों में या फिर पार्किंग प्लेस पर खड़ी होगीं। इसके बाद जैसे ही लॉकडाउन हटेगा, वैसे ही फिर से सभी काम शुरू हो जाएंगें। लेकिन बात विमानों के करें तो, उनका क्या? दुनियाभर में सभी विमान सेवाएं बंद पड़ी है। ब्लूमबर्ग के मुताबिक, विमानन सेक्टर की सलाहकार फर्म सिरिकम का मानना है कि दुनियाभर में 62 फीसद विमान खड़े हैं। तो चलिए जानते हैं कि आखिर में लॉकडाउन के दौरान इन हाईटेक विमानों का हो क्या रहा है।
ये भी पढ़ें... चौंकाने वाली रिपोर्ट: आपको नहीं पता चलेगा कोरोना के लक्षण, तेजी से हो रही मौतें
करनी पड़ती है डेली देखभाल
लॉकडाउन के चलते दुनियाभर के हजारों विमानन इंजीनियर और तकनीशियनों का दिन पार्किंग में खड़े विमानों की देखभाल में गुजर रहा है। इन हालातों में स्टाफ की संख्या में 70 फीसद तक की बढ़ोतरी की गई है।
ब्लूमबर्ग के मुताबिक, हाईड्रोलिक्स चेक करने से लेकर इंजन चलाकर ये लोग देखते हैं कि विमान उड़ने की स्थिति में बना रहे। यहां तक कि विमान के अंदर के कारपेट साफ रहें, ताकि इसमें कीड़े आदि पैदा न होने पाएं।
इसके मुताबिक, फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम में हल्की सी धूल भी विमान को उड़ने लायक स्थिति में नहीं छोड़ती है, ऐसे में फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम की विशेष देखभाल होती है। हर दूसरे-तीसरे दिन विमान के फ्यूल टैंक को फुल किया जाता है, ताकि उसमें लुब्रिकेशन बना रहे।
यह भी पढ़ें...बिग बॉस कंटेंडर का बैंक स्टेटमेंट हुआ वायरल, आरोपों में घिरा साथी
सस्ते से सस्ते पार्किंग स्थल की खोज
महामारी के इस दौर में विश्वभर में विमानन समुदाय घोर संकट में है। कुल विमानों में से 62 फीसद या 16000 विमान दुनियाभर के एयरपोर्ट पर खड़े कर दिए गए हैं।
वहीं नई दिल्ली से लेकर अमेरिका के सबसे बड़े एयरपोर्ट नेवार्क तक में हजारों विमान खड़े हुए हैं। दुनियाभर की विमानन कंपनियों ने सस्ते से सस्ते पार्किंग स्थल की खोज की, जहां इन विमानों को खड़ा किया गया है।
डी-फ्रीजिंग सिस्टम खराब हो सकता
हवाई विमान सबसे हाईटेक मशीन है और सही न रहने पर सैकड़ों लोगों की जिंदगी दांव पर लग जाती है। एयरोप्लेन को यों ही पार्क नहीं किया जा सकता है।
साथ ही 24 घंटे के अंदर ही खड़े विमान का हाईड्रोलिक सिस्टम जाम हो सकता है, या टायर जवाब दे सकते हैं। डी-फ्रीजिंग सिस्टम खराब हो सकता है या फिर फ्यूल टैंक जाम हो सकता है। बहुत से तरीके की परेशानियां 24 घंटे में ही खड़े विमान में आ सकती हैं, जिसके कारण वह उड़ने की स्थिति में नहीं रह जाता है।
यह भी पढ़ें...सभ्य लोगों के इस खेल को इस काम से लग गया था काला दाग
उड़ते पक्षियों को भी भाते है खड़े विमान
जैसा की हमने देखा ही होगा कि एयरपोर्ट खुली जगह में बनते हैं, जहां काफी संख्या में हमिंग बर्ड, कबूतर, गोरैया जैसे छोटे पक्षियों के साथ चील जैसे बड़े पक्षी भी होते हैं। खड़े हुए विमान इन पक्षियों को बहुत पंसद होते हैं। ऐसे में खड़ें इन विमानों में इंजन से लेकर हाईड्रोलिक्स तक में ये पक्षी घोंसला बना कर रहने लगती हैं।
ऐसे में अंतर्राष्ट्रीय एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आइएटीए) ने चेतावनी दी है कि दुनियाभर में विमानन सेक्टर में काम कर रहे 2.5 करोड़ लोगों की नौकरी जाएगी। 35 हजार करोड़ रुपये से एक लाख करोड़ रुपये तक की गिरावट इंटरनेशनल ट्रैफिक में आ सकती है।
यह भी पढ़ें...इंसानों में उमड़ा दया का भाव, बेजुबानों को मिलने लगा भोजन