Israel Hezbollah War: 80 टन बंकर बस्टर बमों से तबाह हुआ हिजबुल्लाह कमान सेंटर

Israel Hezbollah War: हिजबुल्लाह लगातार अपने मारे गए लड़ाकों के बारे में जानकारी प्रकाशित कर रहा था जिससे उनकी व्यक्तिगत जानकारी का पता चला।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2024-09-30 14:13 IST

Israel Hezbollah War  (PHOTO: social media )

Israel Hezbollah War: हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह को मारने वाला विनाशकारी हवाई हमला इजरायली खुफिया एजेंसियों द्वारा वर्षों तक चलाए गए अभियान का परिणाम था। इस अभियान में आतंकी नेता के पूरे नेटवर्क में घुसपैठ की गयी ताकि उसे बेरूत में उसके भूमिगत कमांड सेंटर तक ट्रैक किया जा सका। इसके बाद इजरायली सेना ने 27 सितम्बर को हिजबुल्लाह के भारी किलेबंद ठिकाने को ध्वस्त करने के लिए ख़ास तौर से डिजाइन किए गए 80 टन बंकर-बस्टिंग बमों का इस्तेमाल किया और नसरल्लाह समेत कई कमांडरों को मार डाला। इजरायल का ये ऑपरेशन एकदम सटीक और जीरो एरर वाला रहा।

दरअसल, 2006 के युद्ध के दौरान कई बार नसरल्लाह को मारने में विफल रहने के बाद इज़राइल के सैन्य खुफिया निदेशालय ने हिजबुल्लाह में पैठ करने में पूरा जोर लगा दिया। इजरायल को 2012 में बड़ा ब्रेक मिला जब हिजबुल्लाह ने सहयोगी सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद के खिलाफ विद्रोह को दबाने में मदद करने के लिए अपने लड़ाकों को सीरिया में तैनात किया। सीरिया में लड़ाई के दौरान हिजबुल्लाह के बारे में ढेरों जानकारियाँ मिलीं। हिजबुल्लाह लगातार अपने मारे गए लड़ाकों के बारे में जानकारी प्रकाशित कर रहा था जिससे उनकी व्यक्तिगत जानकारी का पता चला। सीरिया की लड़ाई में शामिल हो कर हिजबुल्लाह ने अपने बारे में बहुत सी सूचनाएँ अनजाने में सार्वजानिक कर दीं और इजरायली एजेंसियों ने इसका खूब फायदा उठाया।

अपने टारगेट्स को सीमित करते हुए इजरायल ने फिर हिजबुल्लाह के संचार उपकरणों को हैक करना शुरू कर दिया और इस तरह जासूस हिजबुल्लाह के गुर्गों की सटीक गतिविधियों को ट्रैक करने में सक्षम हो गए थे ये ट्रैकिंग कभी-कभी हिजबुल्लाह के गुर्गों की पत्नियों के सेल फोन के जरिये से भी हुई। इजरायल के जासूसों ने लेबनान में निगरानी कैमरों को हैक करके और यहां तक कि उनकी कारों के ओडोमीटर को पढ़कर हिजबुल्लाह नेताओं की गतिविधियों को भी ट्रैक किया।

परिणामस्वरूप, इजरायल को पता चला कि जब भी आतंकवादी समूह की दिनचर्या विचलित होती है, तो इसका मतलब होता है कि हमला होने वाला है। 27 सितम्बर को ऐसा ही हुआ जब इजरायल ने बेरूत पर बमबारी की, अधिकारियों को पता चला कि नसरल्लाह अपने "कमांड और कंट्रोल" बंकर के रास्ते में था। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू संयुक्त राष्ट्र में अपने भाषण के लिए न्यूयॉर्क में थे, जब उन्होंने नसरल्लाह को खत्म करने के लिए इजरायल के बड़े हथियार को गिराने के फैसले को हरी झंडी दी।

अनोखे बम

इजरायल महीनों से हमले की योजना बना रहा था और उसने समयबद्ध विस्फोटों से लैस बम विकसित किए थे जो धरती को खोदकर अगले बम को और नीचे तक पहुंचने का रास्ता देते थे। हमले के बाद को इजराइल रक्षा बलों द्वारा जारी किए गए वीडियो में जेट विमानों को एयरबेस से हमले के लिए उड़ान भरते हुए दिखाया गया, जिसमें आठ अमेरिकी निर्मित एफ-15आई दिखाए गए हैं। विशेषज्ञों ने कहा कि ये जेट विमान अमेरिकी निर्मित बीएलयू-109 बम से लैस थे। इजराइली वायु सेना के अधिकारियों ने कहा कि ‘ऑपरेशन न्यू ऑर्डर’ नामक हमले के दौरान, लगभग 100 बमों का इस्तेमाल किया गया और "हर दो सेकंड में" बम गिराए गए। इनसे चार आवासीय इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं, तीन पूरी तरह नष्ट हो गईं। इजरायली बमबारी सफलतापूर्वक 60 फीट भूमिगत नसरल्लाह के ठिकाने तक पहुँच गई। हिजबुल्लाह ने यह नहीं बताया कि नसरल्लाह की मौत कैसे हुई, लेकिन लेबनानी चिकित्सा और सुरक्षा स्रोतों ने रॉयटर्स को बताया कि नसरल्लाह को कोई सीधा घाव नहीं था और 29 सितम्बर को उसके शरीर को सही सलामत बरामद किया गया जिससे लगता है कि उसकी मौत विस्फोट के शॉक से हुई। यह हमला बेरूत में अब तक हुए सबसे बड़े हमलों में से एक था, जिसमें छह इमारतें ध्वस्त हो गईं और हिजबुल्लाह मुख्यालय के पास स्थित क्षेत्र हिल गया। विस्फोट से हिली इमारतों में से एक संयुक्त राष्ट्र का स्कूल था, जो नसरल्लाह की इमारत से लगभग 173 फीट की दूरी पर स्थित था।

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