Highest Temperature In Europe: यूरोप में गर्मी का रिकॉर्ड, इटली में पारा 48 डिग्री के पार
यूरोप ने अपने इतिहास का सर्वाधिक तापमान 48.8 डिग्री रिकॉर्ड किया है। अरब देशों और अफ्रीका के रेगिस्तानी इलाकों में देखा जाता है लेकिन अब इटली भी इनमें शामिल हो गया है।
Highest Temperature In Europe: यूरोप का नाम आते ही मन में ठंडे मौमस और बर्फ की तस्वीर उभरती है। लेकिन अब इसे भूल कर गरम हवाओं, लू और तपती धूप की तस्वीर बना लीजिए क्योंकि अब यूरोप रेगिस्तान जैसा तप रहा है।
यूरोप ने अपने इतिहास का सर्वाधिक तापमान 48.8 डिग्री रिकॉर्ड किया है। ऐसा तापमान आमतौर पर अरब देशों और अफ्रीका के रेगिस्तानी इलाकों में देखा जाता है लेकिन अब इटली भी इनमें शामिल हो गया है।
फ्लोरीडिया में 48.8 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया
यूं तो इटली के कुछ हिस्सों में काफी गर्मी पड़ती है लेकिन 11 अगस्त को फ्लोरीडिया में 48.8 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया। इटली के सिसली रीजन के मौसम विभाग ने बताया है कि सायराक्यूज प्रान्त के फ्लोरीडिया में 11 अगस्त को दोपहर 2 बजे पारा 48.8 डिग्री पर पहुंच गया। इसके पहले यूरोप का सर्वाधिक तापमान 48 डिग्री ग्रीस के एथेंस में 1977 में रिकार्ड किया गया था।
इन दिनों इटली के सिसली के अलावा मध्य, दक्षिण व उत्तर के क्षेत्र सहारा रेगिस्तान से आ रही गर्म हवाओं के थपेड़े झेल रहे हैं। इसके चलते तापमान अभूतपूर्व ऊंचाई पर पहुंच रहा है। गर्म हवाओं के कारण सिसली और कैलेब्रिया क्षेत्रों में जंगलों में आग भी धधक रही है और फायरब्रिगेड अधिकारियों ने बताया है कि 12 घण्टों के भीतर उनको 300 जगहों पर आग बुझाने जाना पड़ा है।
अस्प्रोमोंटे पर्वत शृंखला पर विमानों से पानी का छिड़काव
आग की वजह से कैलेब्रिया की अस्प्रोमोंटे पर्वत शृंखला पर संकट खड़ा हो गया है। विभिन्न वनस्पतियों से भरपूर ये पर्वत शृंखला यूनेस्को की विश्व हेरिटेज सूची में शामिल है। इन्हें आग से बचाने के लिए विमानों से पानी का छिड़काव किया जा रहा है।
उधर, सिसली की राजधानी पलेरमो के आसपास आग से फसलों के अलावा बड़ी संख्या में पशु, मकान और औद्योगिक बिल्डिंगें खाक हो गईं हैं। आग ने सार्डिनीया क्षेत्र में भी व्यापक तबाही मचाई है।एक्सपर्ट्स का कहना है कि भीषण गर्मी दरअसल जलवायु परिवर्तन का नतीजा है और आने वाले समय में मौसम का और रौद्र रूप देखने को मिलेगा। गर्मी और जंगलों की आग से टर्की महीने भर से जूझ रहा है और वहां बड़े पैमाने पर जंगल तबाह हो चुके हैं।