अभिशाप बना ये इंसान: पूरी दुनिया में मचाया हाहाकार, इन गलतियों से फैली महामारी

कोरोना वायरस ने आज दुनियाभर में अपना जंजाल बिछा रखा है, इसके पीछे इंसान खुद भी जिम्मेदार है। वैज्ञानिकों की एक स्टडी में कहा गया है कि शिकार, खेती और बड़ी संख्या में लोगों का शहरों में जाने के कारण जैव-विविधता में बड़े स्तर पर कमी आई है।

Update: 2020-04-09 06:29 GMT
अभिशाप बना ये इंसान: पूरी दुनिया में मचाया हाहाकार, इन गलतियों से फैली महामारी

नई दिल्ली : कोरोना वायरस ने आज दुनियाभर में अपना जंजाल बिछा रखा है, इसके पीछे इंसान खुद भी जिम्मेदार है। वैज्ञानिकों की एक स्टडी में कहा गया है कि शिकार, खेती और बड़ी संख्या में लोगों का शहरों में जाने के कारण जैव-विविधता में बड़े स्तर पर कमी आई है। जिससे लोगों का वन्य जीवों के साथ डायरेक्ट कॉन्टेेट बढ़ता गया, और इसी के चलते कोविड-19 का खतरा दुनियाभर छाया हुआ है।

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कौन से जानवर मनुष्यों में ज्यादा वायरस फैलाते

सामने आई इस स्टडी में ऐसी संभावना जताई गई है कि कोरोना वायरस महामारी वन्य जीवों के साथ मनुष्यों के ज्यादा संपर्क बढ़ने की वजह से फैली है। ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के वैज्ञानिकों ने इस बात का पता लगाया है कि कौन से जानवर मनुष्यों में ज्यादा वायरस फैलाते हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, कई सालों से 142 वायरस जानवरों से मनुष्यों में फैल रहे हैं। वैज्ञानिकों ने इन वायरसों का अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ की खतरे वाली प्रजातियों की लाल सूची से मिलान किया।

गाय, भेड़, कुत्ते और बकरियों जैसे पालतू जानवरों से मनुष्यों में सबसे अधिक वायरस जाते हैं। वो जंगली जानवर, जो मनुष्यों के वातावरण में अच्छे से ढल जाते हैं, वो भी लोगों में वायरस को फैलाने का काम करते हैं।

चूहे, गिलहरी, चमगादड़ और सभी स्तनधारी जीव अक्सर लोगों के बीच, घरों और खेतों के करीब रहते हैं. ये सब एकसाथ मिलकर करीब 70 फीसदी वायरस फैलाते हैं। सार्स, निपाह, मारबर्ग और इबोला जैसी बीमारियां अकेले चमगादड़ों से ही फैल गई थीं।

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कम होते जंगलों की वजह

प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार संक्रामक रोग फैलने का सबसे ज्यादा खतरा विलुप्त हो रहे उन जंगली जानवरों से है जिनकी आबादी शिकार, वन्य जीव व्यापार और कम होते जंगलों की वजह से काफी हद तक कम हो गई है।

स्टडी में ये भी कहा गया है, 'जैव विविधता वाले क्षेत्रों में अतिक्रमण की वजह से मनुष्यों और वन्यजीवों के बीच नए संपर्क स्थापित हो रहे हैं जिसकी वजह से संक्रामक रोगों के फैलने का खतरा बढ़ जाता है। स्तनधारी जानवरों और चमगादड़ों की कुछ प्रजातियों से पशुजन्य वायरस फैलने की ज्यादा संभावना होती है।

क्रेउडर जॉनसन ने कहा, 'ये चीजें दुर्भाग्यपूर्ण हैं और हम अपने लिए कई मुश्किलें पैदा कर रहे हैं। हमें वास्तव में इस चीज को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है कि वन्य जीवों और मनुष्यों के बीच किस तरह से सही तालमेल बिठाया जा सके।

आगे उन्होनें कहा कि हम इस तरह की महामारी नहीं चाहते हैं। हमें वन्य जीवों के साथ मिलजुलकर रहने के और तरीके खोजने की जरूरत है, क्योंकि उनके पास वायरस की कोई कमी नहीं है।'

चीन के वेट मार्केट से फैली

इसके साथ ही दुनिया भर के 200 से अधिक वन्य जीव संगठनों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को पत्र लिखकर कई देशों पर वन्य जीवों के अरबों रुपये के व्यापार को लेकर कई तरह की सावधानी बरतने को कहा है। इसमें सभी जीवित वन्य जीव के बाजारों और पारंपरिक चिकित्सा में इनके इस्तेमाल पर स्थायी प्रतिबंध लगाने की भी सिफारिश की गई है।

रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 महामारी, चीन के वेट मार्केट से फैली है जहां हर तरह के पशुओं का मांस मिलता है। जानवरों और लोगों के बीच इतनी ज्यादा नजदीकियां होने की वजह से यह मनुष्यों में फैल गया और धीरे-धीरे मनुष्यों से मनुष्यों में फैलता गया।

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