वॉशिंगटन: कच्चे तेलों में आयी भारी गिरावट से भारत को अप्रत्याशित लाभ प्राप्त हुआ है। इसने देश को सामान एवं सेवाओं में अधिक खर्च करने का अवसर प्रदान किया है तथा महंगाई भी घटी है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के भारतीय मामलों के प्रमुख पॉल कैशिन ने बताया कि, ‘वैश्विक स्तर पर तेल मूल्यों में गिरावट भारत की दृष्टि से अच्छी स्थिति है।जिससे देश में सामान व सेवाकर पर ज्यादा खर्च होने की समंभावना है।
मुद्रास्फीति में गिरावट
-इससे वाह्य एवं राजकोषीय स्थिति में सुधार हुआ है।
-मुद्रास्फीति में भारी गिरावट आयी है।
-आईएमएफ ने कहा है कि आर्थिक हालात में सुधार उतार चढाव भरा रहा।
-इसके बावजूद चालू वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रही।
-अगले वित्त वर्ष के दौरान यह 7.5 प्रतिशत रहेगी।
-निवेश चक्र में मजबूती आनी अभी बाकी है।
भारत के लिए चुनौती
-बैंकिंग प्रणाली पर एनपीए का दबाव है।
-कमजोर वैश्विक अर्थव्यवस्था ने भारत के निर्यात को प्रभावित किया है।
-निजी निवेश में सुधार के कुछ संकेत बरकरार है।
-भारत के लिए चुनौती है कि वह अपनी वृद्धि की गति को बरकरार रख सके।