India Maldives Row: मालदीव से विवाद के बीच विदेश मंत्री मूसा से मिले एस जयशंकर, पोस्ट में लिखा-खुलकर हुई कई मुद्दों पर बातचीत

India Maldives Row: मालदीव के विदेश मंत्री ने पोस्ट में लिखा ‘गुट निरपेक्ष सम्मेलन से इतर यूगांडा में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मिलकर बहुत खुशी हुई। हमने मालदीव से भारतीय सेना की वापसी के मुद्दे पर चल रही उच्च स्तरीय चर्चा पर अपने विचार रखे।

Written By :  Ashish Kumar Pandey
Update:2024-01-19 13:18 IST

S Jaishankar met maldives Foreign Minister moosa zameer   (photo: social media )

India Maldives Row: पिछले कई दिनों से भारत और मालदीव के रिश्तों में काफी तनाव देखने को मिला था। लेकिन अब इस विवाद के बीच भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने समकक्ष मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर से गुरुवार को मुलाकात की। दोनों की यह मुलाकात यूगांडा के कंपाला में हुई। दोनों नेता कंपाला में गुट निरपेक्ष सम्मेलन में भाग लेने पहुंचे हुए थे।

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा कर लिखा कि दोनों के बीच ‘खुलकर बातचीत‘ हुई। जयशंकर ने पोस्ट में लिखा कि कंपाला में मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर से मिला। दोनों देशों के रिश्तों पर खुलकर बातचीत हुई। साथ ही गुट निरपेक्ष सम्मेलन से संबंधित मुद्दों पर भी बात हुई।

भारतीय सेना की वापसी के मुद्दे पर हुई बातचीत

मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने भी इस मुलाकात को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा ‘गुट निरपेक्ष सम्मेलन से इतर यूगांडा में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मिलकर बहुत खुशी हुई। हमने मालदीव से भारतीय सेना की वापसी के मुद्दे पर चल रही उच्च स्तरीय चर्चा पर अपने विचार रखे। साथ ही मालदीव में चल रहीं विकास परियोजनाओं को जल्द पूरा करने और सार्क और गुट निरपेक्ष सदस्य के तौर पर सहयोग बढ़ाने पर भी बात हुई।‘

भारतीय सैनिकों को वापस भेजने का किया था एलान

हाल ही में मालदीव की सरकार ने भारत को उनके देश से अपने सैनिकों को निकालने को कहा था। मालदीव के राष्ट्रपति ने 15 मार्च तक सभी भारतीय सैनिकों की वापसी की समयसीमा तय की थी। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू के प्रमुख सचिव अब्दुल्ला नाजिम इब्राहिम ने कहा था कि भारतीय सैनिक मालदीव में नहीं रुक सकते। यह मोइज्जू सरकार की नीति नहीं है। भारत की तरफ से अभी तक मालदीव की सरकार द्वारा सैनिकों को निकालने की डेडलाइन पर कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन ऐसा बताया जा रहा है कि इस पर चर्चा चल रही है। मालदीव में अभी भारतीय सेना के करीब 70 सैनिक, डॉर्नियर 228 मेरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट और दो ध्रुव हेलीकॉप्टर के साथ तैनात हैं।

इस मुद्दे पर हुआ था विवाद

बता दें कि बीते दिनों भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लक्षद्वीप का दौरा किया था। इस दौरान पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर लक्षद्वीप की प्राकृतिक सुंदरता की तारीफ करते हुए भारतीयों को लक्षद्वीप घूमने की अपील की थी। फिर क्या था इसके बाद सोशल मीडिया पर मालदीव और लक्षद्वीप की तुलना शुरू हो गई। इस बीच मालदीव सरकार के तीन नेताओं ने पीएम मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी। जिस पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई। इस पर मालदीव ने अपने उन तीनों मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया था और इसी बीच मालदीव के राष्ट्रपति ने चीन का दौरा किया और चीन ने मालदीव का समर्थन किया। इसके बाद ही मालदीव के राष्ट्रपति ने भारतीय सैनिकों को मालदीव छोड़ने की डेडलाइन तय कर दी थी।

अब दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच मुलाकात से इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से नरमी आने की गुंजाइश दिखाई दे रही है।

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